नोटबंदी के मसले पर 'आज तक' से बातचीत करते हुए राहुल गांधी ने दो टूक कहा कि मैं कालेधन के विरोध में सरकार के साथ हूं, लेकिन जिस तरीके से मोदी सरकार ने बिना तैयारी के कदम उठाया और गरीब जनता को तंग किया उसका मैं जी जान से विरोध करूंगा.
अमूमन विपक्षी दलों से बातचीत से दूर रहने वाले राहुल ने साफ कहा कि इस मुद्दे पर जनता को हो रही परेशानी के मद्देनजर संसद में विपक्षी एकजुटता काबिले तारीफ है, इसीलिए अब आगे हमारी कोशिश होगी कि संसद के बाद अब सड़क पर सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता नजर आए, जिससे मोदी सरकार को बैकफुट पर आना पड़े.
राहुल ने इस फैसले को विधानसभा चुनाव से जोड़ने को नासमझी करार देते हुए कहा कि मैं खुद सोच रहा हूं कि ऐसा फैसला आनन फानन में क्यों हुआ? इसके पीछे कोई बड़ी बात है ये फैसला पैनिक में हुआ है. क्यों हुआ शायद ये बाद में सामने आए. राहुल ये मानने को कतई तैयार नहीं है कि ये फैसला तात्कालिक चुनाव के चलते या क्षेत्रीय दलों को मिटाने के लिए हुआ है. राहुल बोले कि कुछ और बात है, जिसके सामने आने का इंतजार करना होगा.
राहुल ने 'आज तक' से बातचीत में कहा कि मछुआरे, किसान, छोटा व्यापारी और गरीब परेशान हैं. सरकार ने कदम उठा लिया. बेचारे क्या करें, मोदी सरकार को ही भुगतना होगा. मोदी सरकार ने नोटबंदी को देशभक्ति और जाली नोटों से जोड़ दिया, इस सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि संसद में हर सवाल का जवाब दूंगा और हर बात का पर्दाफाश करूंगा. बस मौके का इंतजार है.