कांग्रेस नेता और पूर्व कानून मंत्री हंसराज भारद्वाज नें कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बेहतर नेता मानने से इनकार करते हुए कहा कि उन्हें अभी और सीखने की जरूरत है. इसके साथ ही भारद्वाज ने चौंकाने वाला खुलासा करते हुए कहा कि 2007 में यूपीए सरकार भ्रष्टाचार के मुद्दे पर यूपी की मुलायम सिंह यादव सरकार को गिराना चाहती थी.
कांग्रेस को मुश्किल में डालने वाले बयान
कांग्रेस अपनी ही पार्टी के हंसराज भारद्वाज के बयानों से परेशानी में पड़ती दिख रही है. एक तरफ जहां राहुल गांधी पर बोलते हुए भारद्वाज ने कहा, 'मैं नहीं मानता कि राहुल बेहतर नेता हैं. उनको अभी संसद में सीखना चाहिए' तो वहीं दूसरी तरफ अरुणाचल और उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए लगातार कांग्रेस के निशाने पर रही बीजेपी को पलटवार करने के लिए एक हथियार भी दे दिया.
भारद्वाज के मुलायम सरकार गिराने वाले बयान ने इस पूरी राजनैतिक चर्चा को वापस कांग्रेस की तरफ मोड़ दिया है. भारद्वाज ने कहा है कि 2007 में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर कांग्रेस नेतृत्व यूपी की मुलायम सिंह यादव सरकार को बर्खास्त करना चाहता था लेकिन वह खुद भारद्वाज थे, जो इसके लिए तैयार नहीं हुए. भारद्वाज ने बताया कि कुछ मामलों में वह कांग्रेस की लाइन पर नहीं चले. खासतौर से यूपी और 2जी स्पैक्ट्रम आवंटन पर. गौरतलब है कि यूपीए-2 में भारद्वाज को मंत्री ना बनाते हुए कर्नाटक के राज्यपाल पद पर नियुक्त कर दिया गया था.
नेहरू-गांधी परिवार के पुराने वफादार रहे भारद्वाज आजकल कांग्रेस द्वारा खुद को किनारे कर किए जाने से निराश हैं. हंसराज भारद्वाज ने बताया कि कांग्रेस कोर कमिटी में राज्यपाल ही ब्रीफ करते थे. राज्यपाल ने मुझे बुलाया और पूछा कि क्या मुलायम सिंह की सरकार को गिरा दिया जाए और राष्ट्रपति शासन लगाकर फिर चुनाव कराया जाए?
पूर्व कानून मंत्री ने कहा कि यह विचार कांग्रेस अध्यक्ष के थे. वह सोचती थीं कि यूपी में भ्रष्टाचार बहुत है और सरकार गिराकर फिर चुनाव कराया जाए. लेकिन एक दिन पहले ही एसपी सरकार ने अपना बहुमत सिद्ध किया था और यह कार्रवाई कानून विरोधी हो सकती थी इसलिए मैंने उनको सही राय दी.
अरुणाचल मुद्दे पर केंद्र सरकार पर सवालों को लेकर पूछे गए प्रश्न पर भारद्वाज ने कहा कि अरुणाचल में मैं सबको जानता हूं. नबाम तुकी के विधायक ही उनको अल्पमत में लेकर आए हैं. इसमें किसी को कहां दिक्कत है? उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भी वही हुआ, कांग्रेस के लोग खुद उनके साथ नहीं रहे.