राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को भारतीय सेना से जुड़ा एक बयान दिया, जिस पर विवाद गहराता जा रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सोमवार सुबह संघ प्रमुख के बयान का वीडियो शेयर करते हुए उनपर हमला बोला. हालांकि, संघ की ओर से इस बयान पर सफाई में कहा गया है कि संघ प्रमुख के बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष ने सोमवार को 'आजतक' के ही एक वीडियो को ट्वीट करते हुए लिखा कि संघ प्रमुख ने अपने भाषण में सभी भारतीयों का अपमान किया है, ये हर उस इंसान का अपमान है जिन्होंने देश के लिए अपनी जान दी है. राहुल ने लिखा कि ये हमारे तिरंगे का अपमान है. राहुल ने इस बयान को शर्मनाक बताया और माफी मांगने की बात कही.
The RSS Chief's speech is an insult to every Indian, because it disrespects those who have died for our nation.
It is an insult to our flag because it insults every soldier who ever saluted it.
Shame on you Mr Bhagwat, for disrespecting our martyrs and our Army. #ApologiseRSS pic.twitter.com/Gh7t4Ghgon
— Office of RG (@OfficeOfRG) February 12, 2018
केंद्रीय गृहराज्य मंत्री किरन रिजिजू ने राहुल गांधी पर पलटवार किया है. किरन रिजिजू ने ट्वीट किया कि भारतीय सेना देश का गर्व है, इमरजेंसी परिस्थितियों में (कांग्रेस वाली इमरजेंसी नहीं) देश के लोग सेना के साथ खड़े होने के लिए तैयार हैं. रिजिजू ने लिखा कि भागवत जी ने कहा है कि एक आम नागरिक को सेना के जवान की तरह तैयार होने में 6-7 महीने लग जाएंगे, लेकिन आरएसएस कार्यकर्ताओं को कम समय लगेगा. संविधान इजाजत देगा तो संघ के कार्यकर्ता सेना का सहयोग करने के लिए तैयार हैं.
रिजिजू ने दूसरे ट्वीट में लिखा कि सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत किसने मांगे थे. सेना के मामले में राजनीति नहीं करनी चाहिए. कांग्रेस ने 2004 में बाद से ही धर्म के आधार पर सेना को बांटने की कोशिश की है. जब उन्होंने धर्म के आधार पर सेना के जवानों की गिनती करने की बात की थी.
संघ ने दी सफाईWho had asked for proof of surgical strike from Indian Army? Never try to politicise Indian Army. Congress tried to dilute the Army in 2004 on religious lines by head counting but Army firmly stood the ground. https://t.co/7nNI1BHR2x
— Kiren Rijiju (@KirenRijiju) February 12, 2018
वहीं संघ की ओर से इस बयान पर सफाई आई है. RSS प्रवक्ता मनमोहन वैद्य ने कहा है कि संघ प्रमुख के बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है. वैद्य ने कहा कि 'भागवत जी ने कहा था कि परिस्थिति आने पर तथा संविधान द्वारा मान्य होने पर भारतीय सेना को सामान्य समाज को तैयार करने के लिए 6 महीने का समय लगेगा तो संघ स्वयंसेवकों को भारतीय सेना 3 दिन में तैयार कर सकेगी, कारण स्वयंसेवकों को अनुशासन का अभ्यास रहता है.
मनमोहन वैद्य बोले कि यह सेना के साथ तुलना नहीं थी पर सामान्य समाज और स्वयंसेवकों के बीच में थी, दोनों को भारतीय सेना को ही तैयार करना होगा.
क्या था भागवत का बयान ?
बता दें कि रविवार को बिहार के मुज्जफरपुर में स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा था कि देश को अगर हमारी जरूरत पड़े और हमारा संविधान और कानून इजाजत दे हम तुरंत तैयार हो जाएंगे. स्वयंसेवकों की कुव्वत का बखान करते हुए संघ प्रमुख ये भी कह गए कि सेना को तैयार होने में 6-7 महीने लग जाएंगे, लेकिन हम दो से तीन दिन में ही तैयार हो जाएंगे, क्योंकि हमारा अनुशासन ही ऐसा है.
मोहन भागवत पिछले 6 फरवरी से मुजफ्फरपुर के प्रवास पर हैं. इस दौरान उन्होंने कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया. कार्यक्रम के अंतिम दिन संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इस बात पर जोर दिया कि अनुशासन ही हमारी पहचान है.