गृह मंत्रालय ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के उस बयान का खंडन किया है जिसमें उन्होंने दावा किया था कि SPG के एक अधिकारी ने उनसे कहा कि मोदी सरकार की तरफ से SPG में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) द्वारा चुने गए अधिकारियों की भर्ती करने का दबाव है.
गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा है कि राहुल गांधी ने 22 सितंबर को एक कार्यक्रम में टिप्पणी की थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नियुक्त SPG के प्रमुख को पद छोड़ना पड़ा था क्योंकि उन्होंने आरएसएस द्वारा चुने गए SPG अधिकारियों की लिस्ट को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था. मंत्रालय ने कहा है कि इस मामले की पूरी छानबीन के बाद सवालों के घेरे में आए SPG के पूर्व निदेशक विवेक श्रीवास्तव ने इस बात से इनकार किया है कि राहुल गांधी से SPG छोड़ने के मसले पर उनकी कभी भी कोई बात हुई थी.
गौरतलब है कि 22 सितंबर को दिल्ली में आयोजित शिक्षाविदों के एक सम्मेलन में राहुल गांधी ने कहा था कि 2014 में जब मोदी सत्ता में आए तो उन्होंने एक ऐसे व्यक्ति को SPG का प्रमुख चुना, जो कुछ समय बाद ही इस्तीफा देने को मजबूर हो गया. राहुल ने कहा कि SPG के उस अधिकारी ने अपनी मजबूरी साझा करते हुए कहा था कि उसे संघ के लोगों की सूची थमाई गई और उनको भर्ती करने को कहा गया है.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दावे का खंडन करते हुए गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि SPG एक पेशेवर संस्था है जो प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्री और अन्य परिवारों जिनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी उन्हें दी जाती है उसे गंभीरता से लेती है. राहुल गांधी द्वारा दिया गया यह बयान निराधार, तथ्य से परे और दुर्भाग्यपूर्ण है.