कांग्रेस ने मोदी सरकार को संसद में घेरने का प्लान बना लिया है. पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने सुझाया है कि अगर कांग्रेस राज्यसभा में सरकार पर दबाव बनाएगी तो लोकसभा में उनकी बातों को सुना जाएगा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी ने ये बात कांग्रेस की संसदीय रणनीति कमेटी की बैठक में कही.
कांग्रेस का सरकार पर आरोप है कि लोकसभा में उसे तवज्जो नहीं दिया जा रहा है. संख्या बल में कमजोर होने के कारण सरकार विपक्ष को नजरअंदाज कर रही है जो लोकतंत्र के लिए अच्छा नहीं है.
पार्टी की बैठक में राहुल गांधी ने कहा, 'लोकसभा में कांग्रेस के पास संख्या कम है, इसलिए हमारी तरफ ध्यान नहीं दिया जाता. हमारी बात को सुन कर भी अनसुना किया जा रहा है. विपक्ष को जो तवज्जो मिलनी चाहिए वो नहीं मिलती. सरकार लोकसभा में मनमानी कर रही है. वैसे राज्यसभा में हमारे पास संख्या है, वहां सरकार को घेरा जाए. दबाव बनाया जाए. तभी लोकसभा में भी सरकार विपक्ष की बात पर ध्यान देने के लिए मजबूर होगी.'
यह पहला मौका नहीं है जब राहुल गांधी ने सरकार के रवैये को लेकर नाराजगी जताई है. इससे पहले लोकसभा में नेता विपक्ष के पद को लेकर राहुल गांधी ने सरकार के रवैये पर सवाल उठाए थे. मीडिया में उनके लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन के रुख से नाखुश होने की भी खबर आई. राहुल ने नाराजगी लोकसभा में नेता विपक्ष का पद और सदन में कांग्रेस को जवाब देने के लिए समय नहीं दिए जाने पर जताई थी.
राहुल के ताजा बयान को बीमा विधेयक को लेकर पैदा हुए गतिरोध से जोड़कर देखा जा रहा है. विपक्ष चाहता है कि इस बिल को प्रवर समिति के पास भेजा जाए हालांकि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दो टूक कहा है कि या तो बिल पास हो, संशोधन किए जाएं या फिर गिरा दिया जाए, इसे सेलेक्ट कमेटी के पास नहीं भेजा जाएगा.
सरकार इस बीमा विधेयक में बीमा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को मौजूदा 26 प्रतिशत से बढ़ाकर 49 प्रतिशत करने का प्रावधान है. इस विधेयक को राज्यसभा में पारित होना है. मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ने विधेयक पर हालांकि अपना रुख स्पष्ट नहीं किया है और सरकार द्वारा सोमवार को बुलाई गई बैठक अधूरी रही. सरकार को राज्यसभा में बहुमत नहीं है और 243 सदस्यीय उच्च सदन में उसके केवल 59 सदस्य ही हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष इसी नंबर गेम के जरिए मोदी सरकार पर दबाव बनाना चाहते हैं.