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किसानों से मिलेंगे राहुल गांधी, जबर्दस्त समर्थन की उम्मीद

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को विभिन्न राज्यों के किसानों के साथ गहन विचार विमर्श करेंगे. रविवार को आयोजित होने वाली ‘किसान खेत मजदूर’ रैली के जरिए कांग्रेस पार्टी की मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ आवाज बुलंद करने की योजना है.

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राहुल गांधी
राहुल गांधी

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को विभिन्न राज्यों के किसानों के साथ गहन विचार विमर्श करेंगे. रविवार को आयोजित होने वाली ‘किसान खेत मजदूर’ रैली के जरिए कांग्रेस पार्टी की मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून के खिलाफ आवाज बुलंद करने की योजना है.

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पार्टी की इस किसान रैली को राहुल को फिर से नेतृत्वकारी भूमिका में पेश करने के उपाय के रूप में देखा जा रहा है, जिन्हें एक परिपक्व नेता बताया जा रहा है, जो लोकसभा चुनावों में भारी पराजय से पस्त हुई पार्टी को मजबूत बनाएंगे. पार्टी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि रैली के अलावा राहुल लोकसभा में भी अपनी बात रखेंगे और सोमवार से शुरू हो रहे लोकसभा के बजट सत्र के दूसरे हिस्से में सरकार पर निशाना साधेंगे.

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनकी पुत्री प्रियंका गांधी शुक्रवार को फिर राहुल से मिलने गईं और तकरीबन दो घंटे वहां रहीं. वह कल भी राहुल के निवास पर गई थीं और अवकाश के बाद लौटे राहुल का स्वागत किया था. रविवार की रैली राहुल के छुट्टियों से लौटने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष का पहला प्रमुख सार्वजनिक कार्यक्रम है. पार्टी ने इस रैली के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.

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वरिष्ठ कांग्रेसी नेता अहमद पटेल, दिग्विजय सिंह और अन्य नेताओं ने नार्थ एवेन्यू में हरियाणा कांग्रेस के नेताओं को संबोधित किया, जबकि दिग्विजय सिंह ने रैली की तैयारियों का जायजा लेने के लिए आज पार्टी सचिवों के साथ बैठक की. कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह रैली के आयोजन के लिए बनाई गई समिति के संयोजक हैं.

राहुल, जिन्हें रविवार को कांग्रेस रैली को संबोधित करना है, ने इस बैठक में शिरकत नहीं की. पार्टी प्रवक्ता आनंद शर्मा ने बताया कि कांग्रेस के उपाध्यक्ष को इस बैठक में आना भी नहीं था, क्योंकि इसका आयोजन पार्टी के एक महासचिव ने रैली के बंदोबस्त का जायजा लेने के लिए किया था.

सिंह ने संकेत दिया कि पार्टी में पीढ़ीगत बदलाव हो सकता है. उन्होंने कहा कि अहमद पटेल और कई अन्य नेता 33 साल और 38 साल के युवा उम्र में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष बन गये थे और अब यह समय युवाओं का है.

उन्होंने कहा कि यह युवाओं का युग है. हमारे रिटायरमेंट का समय आ गया है. यह प्रकृति का नियम है. पुराने पत्ते झड़ जाते हैं और तब नए पत्ते आते हैं. युवाओं का नेतृत्व आ गया है और वह देश का नेतृत्व करेगा. सोनिया गांधी और राहुल गांधी की सफलता में हमारी सफलता है.

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सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी शनिवार को किसान प्रतिनिधियों से दो समूहों में मुलाकात करेंगे. दो दर्जन किसान प्रतिनिधियों के एक समूह के साथ गहन विचार विमर्श के बाद वह एक बड़े समूह से मिलेंगे और संप्रग सरकार के भूमि अधिग्रहण कानून में नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा किए जा रहे बदलावों पर उनके विचार जानेंगे.

किसानों के प्रतिनिधिमंडल में भट्टा परसौल गांव के किसान भी शामिल होंगे, जहां से राहुल गांधी ने वर्ष 2011 में किसानों की जमीन का जबरन अधिग्रहण किए जाने के खिलाफ ‘पद्यात्रा’ की शुरुआत की थी. यहां से शुरू हुए प्रदर्शन के परिणामस्वरूप भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्बसाहट अधिनियम 2013 में उचित मुआवजे का अधिकार और पादर्शिता का अधिकार कानून पारित हुआ था.

किसान रैली की तैयारियों का जायजा लेने के लिए समिति गठित
सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी की किसान रैली को सफल बनाने के मद्देनजर इसकी तैयारियों का जायजा लेने के सिलसिले में पार्टी ने विभिन्न समितियों का गठन किया है. पार्टी के अनुसार, 19 अप्रैल को आयोजित होने वाली इस किसान रैली में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों से एक लाख से अधिक किसान जुटेंगे.

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस समिति (डीपीसीसी) के अध्यक्ष अजय माकन समन्वय समिति की अध्यक्षता करेंगे, जबकि तैयारियों का जायजा लेने के लिए 10 उप समितियों का गठन किया गया है.

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डीपीसीसी की मुख्य प्रवक्ता शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, 'बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के किसान विरोधी भूमि अधिग्रहण अध्यादेश के खिलाफ इस रैली का आयोजन किया जा रहा है.' उन्होंने कहा कि इस रैली को समूचे देश के किसानों का जबर्दस्त समर्थन मिलने जा रहा है.

इनपुट: भाषा

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