यूक्रेन के साथ रक्षा सौदे में घूसखोरी के मामले में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है. राहुल ने पीएम मोदी से कथित घूसखोरी मामले में लिप्त रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की अपील की है. इससे पहले कांग्रेस पार्टी ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले को गंभीर बताते हुए सरकार से जवाब मांगा है.
राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए लिखा, 'रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों पर लाखों डॉलर की घूस लेने का आरोप है, मोदी जी आप खुद को चौकीदार बताते है, मेरी अपील है कि आप अपने भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ तुरंत कार्रवाई करें'
Ministry Of Defence, India (MODI) officials, accused of making millions of $'s in kickbacks via Dubai by Ukrainian Govt. in AN32 deal.
Modi ji, as our self proclaimed chokidar, I urge you to take immediate action against your corrupt MODI officials.#BJPDefenceScam https://t.co/ZCKkgR8muc
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) May 31, 2018
इस मामले पर कांग्रेस ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि यह काफी गंभीर मसला है और इसके लिए एनडीए सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार है. पार्टी नेता मनीष तिवारी ने कहा कि सरकार ने गोपनीयता कानून का दुरुपयोग कर इस मसले को दबाने की कोशिश की है. उन्होंने कहा कि हम बीजेपी सरकार से पूछना चाहते हैं कि क्या यह बात सही है कि जो करार की शर्तें थीं, वह पूरा न होने के बावजूद रक्षा मंत्रालय ने सौदे को आगे बढ़ाने की इजाजत दी और इसमें 17.5 करोड़ की घूस का पैसा एक ग्लोबल कंसल्टेंट के खाते में जमा हुआ.
क्या है पूरा मामला
यूक्रेन सरकार ने भारत से हुए एक रक्षा विमान सौदे में घूसखोरी की जांच शुरू की है. यूक्रेन के एंटी करप्शन ब्यूरो ने आरोप लगाया है कि एएन-32 विमानों के स्पेयर्स की खरीद में भारत के रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को 17.55 करोड़ रुपये का घूस दिया गया.
गौरतलब है कि यूक्रेन की सरकारी कंपनी स्पेट्सटेक्नो एक्सपोर्ट ने भारत के रक्षा मंत्रालय के साथ 26 नवंबर, 2014 को एक समझौता किया था, जिसके तहत हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स को स्पेयर्स की आपूर्ति की जानी थी. इसके बाद स्पेट्सटेक्नो एक्सपोर्ट ने एक गुमनाम-सी कंपनी ग्लोबल मार्केटिंग एसपी लिमिटेड के साथ इस सौदे को लागू करने के लिए समझौता किया. इसकी वजह से ही यूक्रेन के नेशनल एंटी करप्शन ब्यूरो को इस सौदे पर संदेह हुआ.
यूक्रेन का आरोप है कि रक्षा सौदा हासिल करने में मदद के लिए भारतीय रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों को 17.5 करोड़ रुपये का घूस दिया गया. यूक्रेन के एनएबी ने इस सौदे में ग्लोबल मार्केटिंग की भूमिका के बारे में जानकारी मांगी है. एनएबी ने दुबई के नूर इस्लामिक बैंक से भी लेनदेन की जानकारी मांगी है.