कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को एक लाख करोड़ रुपये का सरकारी ऑर्डर देने के मामले में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण पर संसद में 'झूठ' बोलने का आरोप लगाते हुए रविवार को कहा कि वह सदन में अपने बयान के समर्थन में या तो दस्तावेज पेश करें या इस्तीफा दें. राहुल के इस बयान पर रक्षा मंत्री ने पलटवार करते हुए कहा कि यह बड़े शर्म की बात है कि कांग्रेस अध्यक्ष मुद्दे को पूरी तरह समझे बगैर ही देश को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने राहुल को जवाब देते हुए एचएएल से डील से दस्तावेज भी दिए.
रक्षा मंत्री की तरफ से इस संबंध में ट्वीट किया गया और बताया गया कि कब और कितने पैसों की रक्षा डील एचएएल से की गई. रक्षा मंत्री के कार्यालय के आधिकारिक हैंडल पर सीतारमण ने कहा, 'एचएएल ने 2014 से 2018 के बीच 26,570.8 करोड़ रुपये के अनुबंध पर हस्ताक्षर किए हैं और 73,000 करोड़ रुपये के अनुबंधों पर हस्ताक्षर होने हैं. क्या राहुल गांधी सदन के पटल से देश से माफी मांगेंगे ?'
It's a shame that the president of @INCIndia is spreading lies nd
misleading the country.HAL has signed contracts worth 26570.8Cr (Between 2014 & 2018) nd contracts worth 73000Cr are in the pipeline.Will @RahulGandhi apologise to the country from the floor of the house nd resign? pic.twitter.com/PRWEMFUjml
— NSitharamanOffice (@nsitharamanoffc) January 6, 2019
इससे पहले राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री पर यह आरोप तब लगाया था जब एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि 'एचएएल के पास एक लाख करोड़ रुपये में से एक भी रुपया नहीं आया है. दावे के विपरीत अब तक एक भी ऑर्डर पर हस्ताक्षर नहीं किए गए हैं.'
राहुल गांधी ने ट्वीट कर लिखा था, 'जब आप एक झूठ बोलते हैं, तो आपको पहले झूठ को छिपाने के लिए और अधिक झूठ बोलना पड़ता है. पीएम के राफेल झूठ का बचाव करने की उत्सुकता में, रक्षा मंत्री ने संसद में झूठ बोला. कल, रक्षा मंत्री को संसद के दस्तावेजों से पहले एचएएल को 1 लाख करोड़ के सरकारी आदेश दिखाने होंगे. या इस्तीफा दें.'
बता दें कि कांग्रेस आरोप लगा रही है कि मौजूदा सरकार ने राफेल डील एचएएल के बजाय अनिल अंबानी के साथ कराई और उन्हें फायदा पहुंचाया. जबकि मोदी सरकार का कहना है कि उनके राज में एचएएल को मजबूत करने का काम किया गया है. संसद में राफेल डील से जुड़े आरोपों पर सफाई देते हुए रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि एचएएल से लगातार रक्षा सौदे किए जा रहे हैं.
दावा कमजोर हुआ तो मांगा जाएगा इस्तीफा
सीतारमण के दावे पर कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि यदि सीतारमण संसद में अपने इस दावे की पुष्टि करने में विफल रहती हैं कि एचएएल को एक लाख करोड़ रुपये के अनुबंध दिये गये तो कांग्रेस उनके इस्तीफे के लिए दबाव बनाएगी. उन्होंने कहा कि यदि सरकार दावा कर रही है कि उसने एचएएल को करोड़ों रुपये के अनुबंध दिये तो उसे अपने कर्मचारियों को भुगतान करने के लिए उधार क्यों लेना पड़ा.
बता दें कि हाल ही में एक मीडिया रिपोर्ट में यह दावा भी किया गया है कि एचएएल को अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के उधार लेना पड़ रहा है. एचएएल ने इस पर कहा है कि कंपनी ने 962 करोड़ रुपये का ओवरड्राफ्ट लिया है. मार्च तक राशि में वृद्धि के अनुमान से रकम की स्थिति सुधरने की उम्मीद है. हल्के लड़ाकू विमान एमके ए (83) और हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टरों (15) के लिए डील अंतिम चरण में है.