भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने कांग्रेस में राहुल गांधी की पदोन्नति की आलोचना की और आरोप लगाया कि यह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को वंशवाद में बदलने का कदम है.
अरुण जेटली ने यह भी कहा कि उनकी अपनी पार्टी के नेता का फैसला ‘जांचे-परखे’ आधार पर होगा. राहुल का नाम लिए बगैर राज्यसभा में विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपनी जयपुर चिंतन बैठक में महंगाई, कुशासन, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों का जवाब नहीं दिया जबकि इन समस्याओं को लेकर लोगों में गहरा असंतोष है.
राहुल गांधी को कांग्रेस उपाध्यक्ष नियुक्त किये जाने यानी उन्हें पार्टी में नंबर दो पर लाये जाने की ओर इशारा करते हुए उन्होंने आरोप लगाया, ‘इन समस्याओं का एकमात्र जवाब विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को वंशवादी लोकतंत्र में तब्दील करना है.’
उन्होंने कहा, ‘(कांग्रेस द्वारा पैदा की गयी इन समस्याओं का) उत्तर यह है कि हम ऐसे लोकतंत्र में चलें जो वंशवादी है. देश में हर समस्या का यही उत्तर है.’ बीजेपी नेता भाजपा की प्रदेश कानूनी शाखा अधिवक्ता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे.
अरुण जेटली ने कहा, ‘यह हमारा सौभाग्य है कि भारतीय जनमत बहुत सजग है. वह कभी इस तरह के जवाबों के झांसों में नहीं आता.’ उन्होंने कहा, ‘यह केवल सामंती समाज में होता है कि वंशानुक्रम आपको राज करने का अधिकार प्रदान करता है. लोकतंत्र में जांची-परखी योग्यता ही आपको शासन करने का अधिकार प्रदान करती है.’ उन्होंने कहा कि बतौर एक संगठित राजनीतिक पार्टी बीजेपी अपना नेतृत्व यानी समानों के बीच सर्वश्रेष्ठ एवं प्रथम का निर्धारण जांची परखी योग्यता के आधार पर करेगी.
बहरहाल, उन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया कि उनका मतलब पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार से है. राहुल गांधी पर स्पष्ट प्रहार करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि किसी ऐसे व्यक्ति को नेतृत्व प्रदान कर विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र को जोखिम में नहीं डाला जा सकता है जिसका विभिन्न मुद्दों एवं नीतियों पर वास्तविक रूख अज्ञात है. उन्होंने कहा, ‘यह जांचा परखा आधार ही होगा (जो यह तय करेगा कि बीजेपी का नेता कौन होगा). सर्वश्रेष्ठ उपयुक्त समय पर हमारा नेता होगा.’