कांग्रेस के उपाध्यक्ष और हाई-पावर इलेक्शन कॉआर्डिनेशन कमेटी के चेयरमैन राहुल गांधी अब केवल जीत दिला सकने वाले नेताओं पर ही दांव खेलेंगे. 2014 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है.
राहुल गांधी चुनावों में ऐसे उम्मीदवार खड़े करेंगे, निर्वाचन क्षेत्रों में जिनकी साख अच्छी हो और जीत पक्की हो. लोकसभा चुनावों के लिए कांग्रेस में उम्मीदवार चुनने की नई प्रक्रिया पर अमल किया जाएगा.
ऐसी है नई उम्मीदवार चयन प्रक्रिया
उम्मीदवार चुनने की नई प्रक्रिया में चार चरण हैं, जिसमें कई स्तरों पर परामर्श, फीडबैक और तमाम तरह के इनपुट्स शामिल होंगे. इनके आधार पर जीतने लायक उम्मीदवार को पार्टी का टिकट हासिल होगा. देश की 544 निर्वाचन क्षेत्रों के लिए इसी 'उम्मीदवार चुनाव प्रक्रिया' के तहत काम होगा.
राहुल गांधी ने पिछले साल अक्तूबर में 54 पर्यवेक्षकों (ऑब्जर्वर्स) को खुद चुना और प्रत्येक को अलग-अलग निर्वाचन क्षेत्रों से फीडबैक देने की जिम्मेदारी सौंपी थी. प्रत्येक ऑब्जर्वर को 10 निर्वाचन क्षेत्र दिए गए.
इस बात का खास ख्याल रखा गया कि कोई भी ऑब्जर्वर स्थानीय न हो, ताकि वह ताकि वह पूर्वाग्रहों से दूर रहे. इन ऑब्जर्वर्स को जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं, प्रोफेशनल्स और गैर सरकारी संगठनों से बातचीत के आधार पर जीतने लायक उम्मीदवारों की सूची सौंपने का निर्देश दिया गया था.
सूत्रों के अनुसार, ये सभी ऑब्जर्वर अपना काम पूरा कर चुके हैं और अपनी-अपनी रिपोर्ट कुछ दिन पहले ही पार्टी हाई कमान को सौंप चुके हैं. इसके साथ ही राहुल गांधी के आदेशानुसार, एआईसीसी के जनरल सेक्रेटरी मधुसूदन मिस्त्री देश के विभिन्न राज्यों का दौरा कर रहे हैं. मधुसूदन मिस्त्री ऑब्जर्वर्स ग्रुप के कन्वीनर भी हैं. मिस्त्री राज्यों में स्थानीय नेताओं से मिलकर जानकारियां जुटा रहे हैं. वे अपनी सूचनाओं को ऑब्जर्वर्स की सूचनाओं से क्रॉस चेक करने के बाद उम्मीदवारों की एक प्रारंभिक सूची तैयार कर रहे हैं.
...ताकि और पुख्ता हो जाए
राहुल गांधी अपने ऑब्जर्वर्स की सूचनाओं के साथ-साथ एक प्रोफेशनल एजेंसी से भी इनपुट लेंगे, ताकि उम्मीदवार चुनते समय किसी तरह की कोई गलती न हो. एजेंसी की सूची और ऑब्जर्वर्स के सुझाए तमाम नाम स्क्रीनिंग कमेटी के सामने रखे जाएंगे. पैनल में मौजूद लोग राहुल और सोनिया गांधी की सहमति से उन नामों को टिक मार्क करेंगे, जिन पर जीतने का सबसे ज्यादा भरोसा होगा.
पहली बार होगी इतनी लंबी प्रक्रिया
कांग्रेस के इतिहास में ऐसी और इतनी लंबी प्रक्रिया पहली बार अपनाई जाएगी. अभी तक सेंट्रल स्क्रीनिंग कमेटी पार्टी प्रमुख की सलाह से सभी नाम तय कर लेती थी. पिछले कुछ चुनावों में कई बार यह बातें निकलकर सामने आई थीं कि कांग्रेस के टिकट बेचे गए हैं. बिहार, यूपी और गुजरात से ऐसी खबरें आई थीं. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए कुछ दिन पहले हुए चिंतन शिविर में राहुल गांधी ने इस रणनीति को अपनाने की ठान ली थी.