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संसद में गूंजा राहुल की जासूसी का मुद्दा, जेटली बोले- VVIP सुरक्षा से समझौता नहीं

राहुल गांधी की जासूसी मामले को कांग्रेस ने सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही मुद्दा बना दिया. सरकार की ओर से जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि यह पुरानी कानूनी प्रक्रिया है और इसमें कोई नई बात नहीं है.

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Parliament (File)
Parliament (File)

राहुल गांधी की जासूसी मामले को कांग्रेस ने सोमवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही मुद्दा बना दिया. कांग्रेस ने मामले में प्रश्नकाल के स्थगन प्रस्ताव पेश किया, जिसे खारिज कर दिया गया. हालांकि शून्यकाल में इस पर चर्चा की गई. राज्यसभा में भी इस मुद्दे को उठाया गया. जिस पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि यह पुरानी कानूनी प्रक्रिया है और इसमें कोई नई बात नहीं है. जासूसी मामले को लेकर राज्यसभा से कांग्रेस सांसदों ने सदन से वॉकअाउट भी किया.
 
राज्यसभा में जवाब देते हुए अरुण जेटली ने कहा, 'यह पुराना कानून है. वीवीआईपी की सुरक्षा के लिए पुलिस पहले भी ऐसी जानकारी लेती रही है. जिस दिन राहुल गांधी के आवास पर जाकर जानकारी ली गई, उसी दिन बीजेपी सांसद रमेश विधूड़ी से भी ब्योरा लिया गया. मैंने भी यह ब्योरा दिया है और मेरे साथ कई कांग्रेस सांसदों ने भी यह फॉर्म भरा है. ऐसे में इसे जासूसी बताना गलत है.'  जेटली ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, आईके गुजराल, मनमोहन सिंह समेत सभी वीवीआईपी ने सुरक्षा के मद्देनजर यह फॉर्म भरा है. वीवीआईपी की सुरक्षा में कोई कोताही नहीं की जा सकती. सदन में नेताओं को जनता के हित में काम करना चाहिए और बेवजह के मुद्दे उठाकर समय नहीं बर्बाद करना चाहिए. जासूसी करने के लिए किसी के घर जाकर पूछताछ नहीं की जाती है.

दिल्ली पुलिस कमिश्नर ने सौंपी रिपोर्ट
इस बीच सोमवार सुबह दिल्ली पुलिस कमिश्नर बीएस बस्सी गृह मंत्रालय राजनाथ सिंह से मिलने संसद भवन पहुंचे हैं और जासूसी मामले में अपनी रिपोर्ट सौंपी. बस्सी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि यह एक रूटीन सर्वे था. यह सुरक्षा प्रक्रिया 1957 से जारी है. इसमें कुछ भी नया नहीं है. वीवीआईपी सुरक्षा प्रोफार्मा में कई नए सवाल जोड़े गए हैं, लेकिन यह सिर्फ सुरक्षा के लिहाज से हैं.

सदन में स्थगन प्रस्ताव देने के काद कांग्रेस नेताओं ने जासूसी मामले में लोकसभा स्पीकर के साथ भी बैठक की. कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस की ओर से मल्लि‍कार्जुन खड़गे ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा. जबकि केंद्र की ओर से वेंकैया नायडू ने कहा कि सुरक्षा ऑडिट की यह प्रक्रिया 1957 से चली आ रही है और इसमें कुछ भी नया नहीं है.

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राज्यसभा में भी उठा जासूसी मामला
कांग्रेस की ओर से जासूसी मामले को राज्यसभा में भी उठाया गया. गुलाम नबी आजाद ने सदन में सवाल करते हुए पूछा कि क्या कोई भी कानून यह पूछने की इजाजत देता है कि कौन किससे मिलता है, क्या पहनता है और उसकी क्या आदतें हैं. आजाद ने कहा, 'यह पूरी तरह जासूसी का मामला है. मैं सरकार से पूछना चाहता हूं कि गृहमंत्री सदन में आएं और जवाब दें कि कोई ऐसे माहौल में कैसे रह सकता है.'

केंद्र को घेरने के लिए कांग्रेस भूमि बिल के विरोध में भी झंडा बुलंद करने वाली है. सोमवार को युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने बिल के विरोध में रायसीना रोड पर जमा होकर संसद भवन तक मार्च किया. कांग्रेस के साथ ही अन्य पार्टियों के नेता और किसान भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में राजघाट पर जुटेंगे. नोएडा और ग्रेटर नोएडा के किसान राजघाट से संसद तक मार्च की तैयारी में हैं. बिल के विरोध किसान राजधानी में तीन दिनों तक विरोध प्रदर्शन करेंगे.

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भूमि अधिग्रहण बिल के साथ ही कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और टीएमसी जैसी विपक्षी पार्टियां किसानों की खुदकुशी के मुद्दे को भी संसद में उठाने की तैयारी में हैं. गौरतलब है कि 2015 के तीन महीनों में अब तक 200 से ज्यादा किसान आत्महत्या कर चुके हैं. मार्च महीने में लगातार हो रही बारिश के चलते फसलें चौपट हो गई हैं और किसानों की खुदकुशी का सिलसिला जारी है. रविवार को मध्य प्रदेश के खंडवा में एक किसान ने आत्महत्या कर ली. उम्मीद जताई जा रही है कि किसानों की आत्महत्या का मुद्दा संसद में छाया रहेगा.

दिल्ली पुलिस की टीम द्वारा राहुल गांधी के दफ्तर जाकर पूछताछ का मामला कांग्रेस पार्टी सदन में उठाएगी. गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने राहुल गांधी के बारे में दिल्ली पुलिस की पूछताछ को गुजरात की तर्ज पर जासूसी कराने का मामला बताया है. कांग्रेस उपाध्यक्ष के दफ्तर पर दिल्ली पुलिस के जाने से कांग्रेस पार्टी खफा है.

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