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कांग्रेस अध्यक्ष पद से इस्तीफे पर अभी भी अड़े राहुल गांधी, आसान नहीं मनाना

आज कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई है. बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मैं अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करना चाहता हूं. बता दें कि राहुल गांधी ने इस्तीफे के सवाल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि ये मेरे और कार्यसमिति के बीच की बात है, लेकिन राहुल इस्तीफे पर अड़े हुए थे.

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राहुल गांधी
राहुल गांधी

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लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद शनिवार को कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक हुई. पार्टी के दिग्गज नेता इस दौरान इकट्ठा हुए. बैठक के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि मैं अध्यक्ष के रूप में काम नहीं करना चाहता हूं.

बता दें कि चुनावी हार के बाद राहुल ने सोनिया से पार्टी अध्यक्ष पद छोड़ने की वकालत की. वो प्रेस कॉन्फ्रेंस में जाकर सार्वजनिक रूप से इस्तीफा देना चाहते थे. सोनिया ने राहुल को कुछ वक्त रुकने को कहा, फिर सोनिया ने वरिष्ठ नेताओं से बात करके राहुल को बताया कि आपको पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अध्यक्ष बनाया है, तो आपकी बतौर अध्यक्ष उनके प्रति जवाबदेही है, इसलिए पार्टी की कार्यसमिति में अपनी बात रखिए.

राहुल ने इस्तीफे के सवाल पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि ये मेरे और कार्यसमिति के बीच की बात है, लेकिन राहुल इस्तीफे पर अड़े हुए थे. पार्टी नेताओं को डर था कि अगर राहुल ने इस्तीफा पेश किया तो फिर वो वापस नहीं लेने पर अड़ सकते हैं, इसलिए 25 मई की कार्यसमिति के पहले तक राहुल को समझाने की कोशिशें हुईं.

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मीटिंग के पहले प्रियंका गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राहुल से इस्तीफे की पेशकश नहीं करने को समझाया, लेकिन राहुल नहीं माने. सभी सदस्यों को एहसास था कि राहुल पेशकश करने वाले हैं, इसीलिए सभी ने अपनी तरफ से बैठक में एक-एक कर बोलना शुरू किया कि आपको इस्तीफा देने की जरूरत नहीं है, आप नहीं तो कौन,आप ही बताइए. सभी हारे हैं, इंदिरा संजय भी हारे थे.

राहुल सबको सुनते रहे, आखिर में बारी आई तो राहुल ने साफ कहा कि मैं पार्टी का अध्यक्ष नहीं रहना चाहता, हार की जिम्मेदारी मैं लेता हूं, नया अध्यक्ष चुनिए. आप लोग प्रियंका गांधी का नाम मत लीजिएगा, किसी नॉन गांधी को चुनिए. इसके बाद कार्यसमिति ने राहुल के प्रस्ताव को खारिज करते हुए प्रस्ताव पास किया कि राहुल अध्यक्ष बने रहेंगे और वो पार्टी में जो चाहें बदलाव करें, लेकिन सूत्रों की मानें तो अभी भी राहुल अपनी बात पर अड़े हुए हैं. कशमकश जारी है. सवाल ये है कि आखिर में राहुल मानेंगे या फिर कांग्रेस को नया नॉन गांधी अध्यक्ष मिलेगा, क्योंकि राहुल के करीबी मानते हैं कि राहुल को मनाना आसान नहीं.

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