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मुंबई में चल गया राहुल का जादू

'सामना' के जरिए शिवसेना जिस तरह से राहुल गांधी के खिलाफ आग उगल रही थी, उससे यह सोचना भी मुमकिन नहीं था कि राहुल अपने तयशुदा कार्यक्रम के अलावा भी आम मुंबईकरों से मिलने रास्ता निकाल सकते हैं. इसके बावजूद अपने मिजाज के मुताबिक ही राहुल ने तय कार्यक्रम बदला और बैठ गए लोकल ट्रेन में.

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अपने मुखपत्र सामना के जरिए शिवसेना जिस तरह से राहुल गांधी के खिलाफ आग उगल रही थी, उससे यह सोचना भी मुमकिन नहीं था कि राहुल अपने तयशुदा कार्यक्रम के अलावा भी आम मुंबईकरों से मिलने रास्ता निकाल सकते हैं. इसके बावजूद अपने मिजाज के मुताबिक ही राहुल ने तय कार्यक्रम बदला और बैठ गए लोकल ट्रेन में.

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शिवसेना की धमकी के बीच यात्रा
एक तरफ शिवसेना की धमकी, दूसरी तरफ कड़े सुरक्षा इंतजाम. कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी के लिए चुनौती थी कि मुंबई में आम लोगों से संवाद करने का अपना इरादा वो कैसे पूरा कर पाएंगे. वो आम मुंबईकरों से कैसे मिल पाएंगे, लेकिन राहुल तो राहुल हैं. आम नेताओं से बिल्कुल जुदा, उन्होंने इसका रास्ता भी निकाल लिया. विले पार्ले के भाईदास सभागार में छात्रों और घाटकोपर के रमाबाई अंबेडकर झुग्गी बस्ती में आम लोगों से तयशुदा मुलाकात के बीच राहुल ने निकाल लिया आम मुंबईकरों से मिलने का रास्ता.

विले पार्ले से घाटकोपर वाया लोकल
विले पार्ले से अंधेरी- 1.05 बजे
अंधेरी से दादर- 1.29 बजे
दादर से घाटकोपर- 1.44 बजे
इसके लिए राहुल ने जरिया बनाया मुंबई की लाइफ लाइन लोकल ट्रेन को, जिससे मुंबई के आम लोग सफर करते हैं. विले पार्ले में छात्रों से मिलने के बाद दोपहर एक बजे राहुल सीधे अंधेरी पहुंचे. बकायदा लाइन में लगकर टिकट लिया और वहां से पकड़ी 1.05 बजे की फास्ट लोकल. वेस्टर्न लाइन का सफर पूरा कर राहुल दोपहर 1.29 पर दादर पहुंचे. दादर में राहुल ने एटीपी से कुछ पैसे भी निकाले और फिर फर्स्ट क्लास का टिकट लेकर वो सेंट्रल लाइन की वीटी-कल्याण फास्ट लोकल ट्रेन में घाटकोपर के लिए सवार हो गए. राहुल दोपहर एक बजकर 44 मिनट पर घाटकोपर पहुंचे.

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स्‍टेशन पर मौजूद लोग हुए हैरान
राहुल को अपने बीच पाकर रेलवे स्टेशन पर मौजूद लोग बिल्कुल हैरान रह गए. उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि राहुल से इस तरह मुलाकात हो पाएगी. गौरतलब है कि अंधेरी, दादर और घाटकोपर मुंबई के व्यस्त रेलवे स्टेशनों में गिने जाते हैं. इन स्टेशनों से ट्रेन पकड़ने या उतरने में आम मुंबईकरों भी परेशानी से जूझना पड़ता है, लेकिन राहुल चेहरे पर बगैर कोई परेशानी दिखाए इन स्टेशनों से गुजर गए.

कांग्रेस का हाथ, किसके साथ?
कांग्रेस का नारा है, कांग्रेस का हाथ आम लोगों के साथ. राहुल की इन कोशिशों से लगता है वो इस नारे को हकीकत में बदल रहे हैं. राहुल ने अपने चार घंटे के मुंबई दौरे में शिवसेना को खूब चमका दिया. बाल ठाकरे ने शिवसैनिकों से अपील की थी कि वो राहुल को काला झंडा दिखाएं. हालांकि, मुंबई पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे, लेकिन राहुल भी बार-बार तय कार्यक्रम बदल कर शिवसैनिकों को चकमा देते रहे. {mospagebreak}राहुल गांधी मुंबई के दौरे पर तो युवाओं और आम लोगों से मिलने आए थे, लेकिन शिवसेना की विरोध की धमकी को देखते हुए उनका दौरा लुकाछिपी के खेल में बदल गया. शिवसैनिकों को छकाने के लिए राहुल ने हर जगह अपने कार्यक्रम में बदलाव किया. यहां तक कि वो आम लोगों के बीच मुंबई की लाइफ लाइन लोकल ट्रेन में भी पहुंच गए, जिसका शिव सेना को जरा भी अंदाजा नहीं लग पाया.

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धमकियों से बेपरवाह थे राहुल
इससे पहले राहुल सुबह करीब ग्यारह बजे दिल्ली से मुंबई पहुंचे और फिर एयरपोर्ट से विले पार्ले जाने के लिए सड़क रास्ते की बजाए हवा का रास्ता चुना. सड़क पर विरोध प्रदर्शन का मंसूबा पाले शिवसैनिकों को इसका जरा भी अंदाजा नहीं था. विले पार्वे हैलीपेड से वो गाड़ी से तय कार्यक्रम के मुताबिक भाईदास हॉल पहुंच गए. राहुल को विले पार्ले से फिर हैलिकॉप्टर से हेलीपैड पर पवनहंस उड़ने को तैयार था, लेकिन राहुल का काफ़िला सड़क के रास्ते निकल पड़ा. शायद राहुल संदेश देना चाहते थे कि वो किसी धमकी से नहीं डरने वाले. रास्ते में अपनी आदत के मुताबिक राहुल ने लोगों से बात-मुलाक़ात भी की.

कतार में लगकर लिया टिकट
अभी असली सरप्राइज बाकी था. राहुल विले पार्ले से अंधेरी रेलवे स्टेशन पहुंच गए और वहां टिकट काउंटर की लाइन में खड़े हो गए. जाहिर था वो उनका इरादा आम लोगों के साथ लोकल में सफर करने का था. ऐसा उन्होंने किया भी. बेखौफ होकर राहुल लोकल में बैठे और अंधेरी से दादर और फिर दादर से ट्रेन बदल कर शिवसैनिकों को छकाते हुए घाटकोपर पहुंच गए. साफ है लुकाछिपी के इस खेल में राहुल ने शिवसैनिकों को उन्हीं के गढ़ में खूब चकमा दिया.

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मिलने को उमड़ पड़ा हुजूम
मुंबई में भी राहुल के प्रति लोगों की दीवानगी खूब देखी गई. राहुल जहां भी गए, उन्हें देखने और उनसे मिलने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. खासकर छात्रों की तो मानो बरसों पुरानी मुराद पूरी हो गई. मायनगरी मुंबई मानो राहुल गांधी का ही इंतजार कर रही थी. राहुल के साथ सैकड़ों का हुजूम. {mospagebreak}देश की आर्थिक राजधानी की सड़के हों या फिर मुंबई की लाइफ लाइन लोकल ट्रेन. कांग्रेस के युवराज के समर्थकों का कारवां राहुल के साथ पाने के लिए हर जगह बेताब दिखा.

छात्रों के बीच थी कुछ सीखने की ललक
राहुल से कुछ सीखने के लिए छात्र बड़े बेचैन नजर आए. दिन के 11 बजे उड़नखटोले से मुंबई पहुंचने के बाद राहुल पहुंचे विले पार्ले के भाईदास हॉल जहां उनसे मुलाकात के लिए मैनेजमैंट के छात्रों का बड़ा समूह इंताजार में था. करीब एक घंटे तक छात्रों से मुलाकात हुई. मुलाकात के बाद तो जैसे तमाम छात्रों की मन मांगी मुराद पूरी हो गई. राहुल का युवा ग्लैमर सबके सिर चढ़कर बोल रहा था.

सबसे पहले हम हैं भारतीय
राहुल ने तो इनसे मुलाकात में ये भी कह दिया कि आप भले ही किसी भी राज्य से ताल्लुक रखते हों, लेकिन सबसे पहले हम भारतीय हैं. राहुल गांधी कांग्रेस के महासचिव जरूर हैं, लेकिन ये छात्र तो राहुल को लेकर बड़े सपने पाले बैठे हैं. लोकल ट्रेन से राहुल गांधी के सफर से कांग्रेस में जोश का माहौल है. कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा कि राहुल की यात्रा के बाद शिवसेना अलग-थलग पड़ गई है.

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छिटपुट विरोध की भी घटनाएं
राहुल गांधी के भाईदास हॉल से बाहर निकलने के बाद शिवसैनिकों ने राहुल गांधी का पुतला फूंका और राहुल गांधी के खिलाफ नारेबाजी की. उधर शिवसेना ने घाटकोपर में राहुल गांधी के खिलाफ नारे लगाए और प्रदर्शन किया. शिवसैनिक हाथों में काला झंडा लिए हुए थे. इस दौरान कई शिवसैनिकों को गिरफ्तार भी किया गया.{mospagebreak}इस बीच कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता कृपाशंकर सिंह ने कहा है कि अगर शिवसेना हंगामा करती है, तो हम चुप नहीं बैठेंगे और इसका जबाव देंगे. राहुल गांधी के लोकल ट्रेन से यात्रा करने और दादर में रुककर एटीएम से पैसा निकालने को लेकर वरिष्‍ठ कांग्रेसी नेता राजीव शुक्‍ला का कहना था कि राहुल गांधी ने मुंबई की यात्रा कर शिवसैनिकों के भ्रम को तोड़ दिया है.

ठाकरे का फरमान हुआ बेमानी
गौरतलब है कि बाल ठाकरे ने फरमान जारी कर दिया है कि मुंबई में कांग्रेस के युवराज का स्वागत काले झंडे दिखा कर किया जाएगा, और शिवसैनिक वही करते हैं, जो बाल ठाकरे कहते हैं. मुंबई सबकी है का एक बयान शिवसेना के लिए काफी था राहुल गांधी पर निशाना साधने के लिए. पार्टी ने वैसा किया भी. पिता बाल ठाकरे सामना में आग उगलते हैं, बेटा उद्धव जुबान की जंग लड़ता है और शिवसैनिक सड़कों पर कोहराम मचाते हैं. हालांकि सरकार का दावा है कि सारे इंतजाम पुख्ता हैं. लेकिन सवाल तो ये है कि आखिर सरकार अपने दावों में कितनी कामयाब हो पाएगी. पहले भी महाराष्ट्र सरकार सिर्फ दावे करती रही है और शिवसेना की दादागीरी जारी रही है.

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प्रशासन के लिए तनाव की वजह
वैसे राहुल गांधी का मुंबई दौरा राज्‍य सरकार के साथ प्रशासन के लिए भी काफी तनाव से भरा रहा है. राहुल के कार्यक्रमों में किसी भी स्थिति में शिवसेना और एमएनएस के कार्यकर्ता न आ पाएं, इसके लिए विशेष सतर्कता बरती गई. कार्यक्रम में किसी तरह की गड़बड़ी न हो इसके लिए मीडियाकर्मियों की व्यवस्था भी राहुल से काफी दूर की गई.

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