अभी तक रेल रिश्वत कांड में 10 करोड़ की डील की बात सामने आ रही है लेकिन आजतक के पास एक्सक्लूसिव जानकारी है जिससे ये साबित हो रहा है कि 10 करोड़ की डील के पीछे अरबों रुपए की ठेकेदारी का असली खेल छिपा है.
रेल रिश्वत कांड का नेटवर्क बैंगलोर से शुरु होकर मुंबई और दिल्ली होते हुए चंडीगढ़ तक फैला है. आज तक के पास जानकारी ये भी है कि महेश कुमार को बैंगलोर की कंपनी ने अरबों रुपये साधने के लिए अपना मोहरा बनाया है.
बैंगलोर की बड़ी इलेक्ट्रिक कंपनी जी जी ट्रॉनिक्स, इसी कंपनी ने रेलवे में अपना कारोबार चौगुना करने के लिए रेलमंत्री के भांजे को दस करोड़ रुपए की पेशकश की. कंपनी ने रेल अधिकारी महेश कुमार को अपना मोहरा बनाया औऱ रेल मंत्री पवन बंसल के भांजे विजय सिंगला के साथ मिलकर साजिश रची.
कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर नारायण राव मंजूनाथ कई बार दिल्ली आए और उनकी कई बार बातचीत विजय सिंगला से हुई.
क्या थी उनके बीच बात की डील...
बंसल के भांजे सिंगला से मंजूनाथ ने कहा कि महेश कुमार को सदस्य इलेक्ट्रिकल बनाएं. भांजे विजय सिंगला ने अपने दोस्त संदीप गोयल के साथ बातचीच शुरु की. डील की शुरुआत 25 करोड़ के आसपास से हुई और आखिर में सौदा 10 करोड़ में तय हुआ. 2 करोड़ की एडवांस रकम की पहली किस्त 90 लाख विजय सिंगला को चंडीगढ़ में पहुंचाई गई. 8 करोड़ रुपए मेंबर इलेक्ट्रिकल बनने के बाद विजय सिंगला को दिए जाने थे. इस पूरी डील के बदले में कंपनी को मिलने थे अरबों रुपए के इलेक्ट्रिकल के ठेके.
10 करोड़ की इस डील को अंजाम देने के लिए कंपनी ने दिल्ली में अपने दो नुमाइंदे समीर और राहुल यादव को पवन बंसल के भांजे विजय सिंगला से लाइजनिंग की जिम्मेदारी सौंपी. शुक्रवार की सुबह जब महेश कुमार ने मेंबर स्टाफ का चार्ज दिल्ली में लिया तब उन्होंने एक सूत्र के जरिए विजय सिंगला को भरोसा दिया कि शाम तक उनको 2 करोड़ एडवांस में से पहली किश्त 1 करोड़ रुपये मिल जाएगी.
क्या था पूरा घटनाक्रम...
दिल्ली से महेश ने बैंगलोर में कंपनी के एमडी मंजूनाथ से पैसे की डिलीवरी की बात की. मंजूनाथ ने बैंगलोर और मुंबई में एक करोड़ रुपए नकद का इंतजाम किया और 2 हवाला ऑपरेटरों के जरिए ये रकम शुक्रवार की दोपहर तक दिल्ली भिजवायी. दिल्ली में राहुल यादव ने अपने दो सहयोगी धर्मेंद्र कुमार और विवेक कुमार को कैश गाड़ी से सड़क के रास्ते चंडीगढ़ ले जाने को कहा. राहुल ने चंडीगढ़ में विजय सिंगला को सूचना दी कि शाम तक पैसे मिल जाएंगे. पैसे लेकर गाड़ी रवाना हो चुकी है. राहुल ने ये भी बताया कि 10 लाख रुपए का इंतजाम अगली किश्त में हो जाएगा.
पवन बंसल के लिए दुर्भाग्य की सबसे बड़ी बात ये थी कि सारी डीलिंग का बड़ा हिस्सा फोन पर हो रहा था और सबकुछ सीबीआई की कान से सुना जा रहा था. सीबीआई की टीम दिल्ली से ही कैश वैन का पीछा कर रही थी और गाड़ी जैसे ही विजय सिंगला के बंगले पर पहुंची सीबीआई ने रेल के इस काले खेल का काला सच बेपर्दा कर दिया.
इस विषय पर सीबीआई की एक रिपोर्ट मिलने के बाद कुमार को निलंबित कर दिया गया. रेलवे के अतिरिक्त महानिदेशक (जनसंपर्क) अनिल सक्सेना ने बताया, ‘सीबीआई से आधिकारिक रिपोर्ट मिलने के बाद रेल मंत्रालय ने कुमार को निलंबित कर दिया है.’
कुमार को सीबीआई ने उस वक्त गिरफ्तार किया था जब वह एक पद पर नियुक्ति के लिए बंसल के भांजे विजय सिंगला को कथित तौर पर रिश्वत देते हुए पकड़े गए थे.
कुमार को रेल मंत्रालय के उस बयान के कुछ घंटे बाद निलंबित किया गया है जिसके तहत मंत्रालय ने कहा था कि इस हफ्ते के शुरू में सदस्य (कर्मचारी) की नियुक्ति में नियम का कोई उल्लंघन नहीं हुआ.