भारतीय रेल एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों में पुराने सेकेंड क्लास स्लीपरों की जगह थ्री टियर एसी कोच लगाने पर विचार कर रही हैं. अगले पांच से छह वर्षों में यह काम पूरा होगा. इस दिशा में दक्षिण रेलवे ने एक पहल भी की है. एक अंग्रेजी अखबार ने यह खबर दी है.
उसके मुताबिक दक्षिण रेलवे ने कई एक्सप्रेस ट्रेनों में साधारण सेकेंड क्लास स्लीपरों को हटाकर एसी थ्री टियर के डिब्बे लगाने शुरू कर दिए हैं. रविवार को एर्नाकुलम से हजरत निजामुद्दीन जाने वाली मंगला एक्सप्रेस (ट्रेन नंबर 12617) में एक स्लीपर बॉगी एस-2 को हटाकर उसकी जगह एसी थ्री का डिब्बा लगा दिया गया.
पहले इस ट्रेन में 11 स्लीपर कोच होते थे लेकिन अब 10 ही रहेंगे. उधर थ्री टियर एसी के कोच की संख्या बढ़कर चार हो गई है. उस स्लीपर के डिब्बे की जगह यात्रियों को बर्थ दे दी गई लेकिन कई यात्रियों को अलग-अलग जगह मिली.
रेलवे के एक अफसर ने अखबार को बताया कि इस तरह की व्यवस्था से यात्रियों को न केवल बेहतर सुविधाएं मिलेंगी बल्कि रेलवे बोर्ड को लाभ भी होगा. इन स्लीपर कोच को इनके मिडल बर्थ हटा कर पैसेंजर ट्रेनों में चलाया जाएगा.