भारतीय रेल पिछले कई वर्षों से पैसों की तंगी से जूझ रही है, इसे उबारने के लिए रेलमंत्री सुरेश प्रभु आए-दिन कुछ ना कुछ तरकीब तलाशते रहते है. इसी कड़ी में सुरेश प्रभु ने रेलवे की आय को बढ़ाने के लिए कुछ प्रस्ताव दिए है. जिसमें स्वेच्छा से रेलवे सब्सिडी को छोड़ना, वीकेंड पर स्पेशल ट्रेन और आखिरी समय में खाली बर्थ पर छूट देने से प्रस्ताव शामिल हैं.
द इंडियन एक्सप्रेस में छपी एक खबर के मुताबिक रेलमंत्री ने यह प्रस्ताव रेलवे बोर्ड के सामने रखा है, जिसमें कुछ पर विचार किया जाएगा. हालांकि सूत्रों की माने तो कुछ रेलवे अधिकारियों ने रेल सब्सिडी के प्रस्ताव को थोड़ा मुश्किल बताया है. गैस सब्सिडी को बैंक खाते से लिंक करना तो लोगों के लिए आसान था लेकिन यह थोड़ी टेढ़ी खीर साबित होती है.
हाल ही में रेलवे ने ई-टिकट का पायलेट प्रोजेक्ट शुरू किया है, अभी के समय में टिकट का दाम रेलवे के खर्च का 57 प्रतिशत ही है बाकी 43 प्रतिशत रेलवे के द्वारा सब्सिडी दी जाती है. जिससे रेलवे को अपनी आमदनी बढ़ाने में बेहद मुश्किल आती है.
रेलवे अब अपनी आय बढ़ाने पर जोर दे रहा है जिसके अंतर्गत सब्सिडी वाली योजना को कुछ स्लैब्स के लिए लागू किया जा सकता है जिसका मतलब लोगों को यह ऑप्शन दिया जा सकता है कि उन्हें सब्सिडी छोड़नी है या नहीं. साथ ही आय बढ़ाने के लिए राजधानी और शताब्दी ट्रेनों पर विशेष किराए के लिए जोर दिया जा रहा है. वहीं ट्रेन में बची बर्थों को आखिरी समय में बुक करने पर 10 प्रतिशत की छूट देने पर विचार किया जा रहा है, जिससे खाली सीटों का उपयोग हो सके.
अभी रेलवे आधार कार्ड के जरिए सीनियर सिटिजनों को फायदा पहुंचाने के उपायों पर काम कर रहा है. रेलवे की यात्री गाड़ियों का सालाना खर्चा 50000 करोड़ रुपये का है, रेलवे इस वर्ष अपने लक्ष्य को पूरा करने से 20000 करोड़ रुपये पीछे है.