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रेल मंत्रालय की इमरजेंसी बैठक, दुर्घटनाओं को रोकने पर दिया जोर

रेल मिनिस्टर सुरेश प्रभु ने रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा समेत रेलवे के 17 जोनों के जीएम, रेलवे बोर्ड के सभी अधिकारियों के साथ इमरजेंसी बैठक की. इस बैठक में रेलवे में लगातार हो रही दुर्घटनाओं से निपटने के लिए उपायों पर चर्चा की गई.

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रेल मंत्री ने की इमरजेंसी बैठक
रेल मंत्री ने की इमरजेंसी बैठक

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा समेत रेलवे के 17 जोनों के जीएम, रेलवे बोर्ड के सभी अधिकारियों के साथ मंगलवार को इमरजेंसी बैठक बुलाई. इस बैठक में रेलवे में लगातार हो रही दुर्घटनाओं से निपटने के लिए उपायों पर चर्चा की गई.

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रेल मंत्री ने जताई नाराजगी
तीन घंटे तक चली इस बैठक में रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने बढ़ते रेल हादसों पर अपनी नाराजगी जताई और इसके लिए जिम्मेदारी तय करने की बात कही. हालांकि रेलमंत्री की तमाम शिकायतों पर रेलवे अधिकारियों ने तमाम तकनीकी दिक्कतों का हवाला देकर रेल हादसों के लिए सेफ्टी फंड की कमी की बात को सबसे आगे कर दिया.

रेल अधिकारियों ने बैठक में कहा कि मानवरहित क्रॉसिंग की वजह से बड़ी संख्या में हादसे हो रहे हैं. इसके लिए तकरीबन 40,000 करोड़ रुपये के फंड की जरूरत है. पुराने पुलों को नया करने और मरम्मत के लिए 5000 करोड़ रुपए की जरूरत है. रेलवे ट्रैक के नवीनीकरण के लिए 40,000 करोड़ रुपए की जरूरत बताई गई. इसके अलावा तमाम उपायों के लिए अधिकारियों द्वारा 1 लाख करोड़ रुपए के सेफ्टी फंड की मांग की गई है.

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एक लाख करोड़ के सेफ्टी फंड की मांग
रेलवे बोर्ड का कहना है कि 1 लाख करोड़ के सेफ्टी फंड के लिए जल्द ही वित्त मंत्रालय के पास योजना भेजी जाएगी. रेलवे बोर्ड के चेयरमैन के मुताबिक सेफ्टी ऑडिट को और बेहतर करने के साथ ही सेफ्टी के दूसरे तमाम आधुनिक उपायों पर विचार किया गया. उनके मुताबिक अगर रेलवे के कर्मचारी पहले से निर्धारित सेफ्टी मानकों का पालन करें तो जीरो एक्सीडेंट को हासिल किया जा सकता है. उनके मुताबिक इस साल अभी तक रेल हादसे पिछले साल के मुकाबले कम हुए हैं.

रेल हादसों में आई है कमी
आपको बता दें कि अप्रैल, 2014 से लेकर 15 सितंबर 2014 तक 77 रेल हादसे हुए थे. लेकिन इस साल अप्रैल से लेकर 15 सितंबर तक 54 हादसे हुए हैं. रेलवे सेफ्टी की बैठक में हाल ही में हुए तमाम रेल हादसों के बारे में भी चर्चा की गई.

मुंबई लोकल में हार्बरलाइन पर हाल ही में हुई पटरी से उतरने के पीछे 8 डिग्री के तेज घुमाव को जिम्मेदार बताया जा रहा है तो वहीं दूरंतो एक्सप्रेस के पटरी से उतरने के पीछे पटरी के टूटने के साथ ही रेल पटरी का कप्लर भी टूटा हुआ पाया गया. ऐसे में ये कहना कि पटरी के टूटने के बाद कप्लर टूटा या कप्लर टूटने की वजह से पटरी टूटी ये जान पाना आसान नहीं है. लिहाजा मामले की जांच की जा रही है.

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अधिकारियों ने सेफ्टी फंड के सर फोड़ा ठीकरा
इस मीटिंग की खास बात यह रही कि सेफ्टी पर आयोजित रेलवे के जनरल मैनेजरों की इस बैठक में अधिकारी बड़ी सफाई से किसी भी जिम्मेदारी लेने से साफ बच गए और हादसों का सारा ठीकरा सेफ्टी फंड की कमी पर फोड़ दिया गया. जबकि सच्चाई ये है कि रेल हादसों में से 40 फीसदी हादसों को होने से रोका जा सकता है क्योंकि इनके पीछे का कारण होता है सेफ्टी मानको का पालन न किया जाना, मानवीय चूक और पुराने ट्रैक पर तेज रफ्तार से चलती ट्रेनें और लापरवाह और बेपरवाह सरकारी अधिकारी.

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