अहमदाबाद को मुंबई से जोड़ने के लिए मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए रेलवे के अफसरों की जापान में ट्रेनिंग शुरू हो चुकी है. अब तक 240 अफसरों को जापान में बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर अलग-अलग क्षेत्रों में ट्रेनिंग दी गई है. इसी के साथ 80 रेलवे अफसरों की सूची भी जारी कर दी गई है. 40-40 के बैच में भारतीय रेल सेवा के इन अफसरों को जापान में बुलेट ट्रेन से संबंधित ट्रेनिंग दी जाएगी.
रेलवे के उच्च अधिकारियों के मुताबिक 40 रेल अफसरों का सातवां बैच 3 दिसंबर से लेकर 16 दिसंबर के दौरान जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी के तहत जापान में ही बुलेट ट्रेन के तमाम पहलुओं से रूबरू होंगे. इसके बाद 40 अफसरों का आठवां बैच 14 जनवरी से लेकर 27 जनवरी तक जापान में बुलेट ट्रेन की ट्रेनिंग लेगा इस तरह से भारतीय रेल के 320 अफसर बुलेट ट्रेन परियोजना के बारे में ट्रेनिंग लेंगे.
इन अफसरों को हाई स्पीड रेल तकनीक की सिग्नलिंग ट्रैक और ऑटोमेशन के बारे में ट्रेन किया जाएगा. इसी के साथ अफसरों को इस बात की भी ट्रेनिंग दी जाएगी कि किस तरह बुलेट ट्रेन को जापान की तरह ही सही वक्त पर चलाया जाए. जापान की पूरी कोशिश है कि बुलेट ट्रेन परियोजना भारत में समय पर चालू हो और यहां के लिए एक नई मिसाल बने इस वजह से भारतीय रेलवे को संबंधित अफसरों के सलेक्शन के लिए जापानी एजेंसी मदद कर रही है.
नेशनल हाई स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर अचल खरे के मुताबिक, उनकी पूरी कोशिश है कि भारत के 75 स्वतंत्रता दिवस के मौके पर देश को बुलेट ट्रेन का तोहफा मिल सके इस वजह से अभी तक सारा कागजी काम तेजी से निपटाया जा रहा है. बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जमीन अधिकरण का काम भी शुरू हो चुका है. इसके लिए अधिग्रहण किए जाने वाले जमीन के टुकड़ों की पहचान कर ली गई है और संबंधित लोगों का ब्यौरा भी तैयार कर लिया गया है. बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए तकरीबन 1100 की जमीन अधिग्रहित की जाएगी और इस जमीन के बारे में सभी कागज 12 जिलों के जिला अधिकारियों के ऑफिस को भेजे जा चुके हैं. अचल खरे के मुताबिक बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए तकरीबन 15000 लोगों को मुआवजा दिया जाएगा और इसमें 4000 से लेकर 5000 करोड़ रुपए तक का खर्च आने का अनुमान है.