शताब्दी, राजधानी और दुरंतों एक्सप्रेस गाड़ियों में फ्लेक्सी फेयर सिस्टम के लागू होने के बाद रेल यात्रियों की संख्या में आई कमी को देखते हुए रेलवे ने छूट देने का फैसला किया है. इसके लिए जारी सर्कुलर में रेल मंत्रालय ने शताब्दी राजधानी और दुरंतो एक्सप्रेस गाड़ियों में पहला चार्ट बनने के बाद बची सीटों के लिए करंट बुकिंग पर किराए में दस प्रतिशत की छूट देने का फैसला किया है.
रेलवे बोर्ड के सदस्य (यातायात) मुहम्मद जमशेद के मुताबिक रेलवे ने फ्लेक्सी फेयर सिस्टम 9 सितंबर को लागू किया था. इसके लागू होने के तीन माह बाद उसकी समीक्षा की गई है. जमशेद ने फ्लेक्सी फेयर सिस्टम को कामयाब बताया और इस बात की जानकारी दी कि इस सिस्टम के लागू करने के बाद रेलवे को 130 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई हुई है. उन्होंने बताया कि रेलवे ने अब तय किया है कि पहला चार्ट बनने के बाद करंट बुकिंग की टिकट पर आखिरी टिकट के किराये से दस फीसदी कम किराया लिया जाएगा. टिकट परीक्षक यानी टीटीई भी यात्री को दस फीसदी कम किराए पर टिकट बना देगा.
हालांकि रेल बोर्ड ने दावा किया है फ्लेक्सी फेयर सिस्टम पूरी तरह सफल रहा है. मेंबर ट्रैफिक ने कहा कि ऑफ सीज़न में सीटों की बुकिंग अवश्य कुछ कम रही है लेकिन आगे दिसंबर-जनवरी के लिए इन गाड़ियों में पूरी बुकिंग हो चुकी है और वेटिंग लिस्ट है. उन्होंने बताया कि तत्काल कोटा को लचीला बनाया गया है. इसके साथ ही अगर प्रथम चार्ट बनने के बाद तत्काल सीटें बचीं रह गयीं तो उन्हें सामान्य सीटों में बदल दिया जाएगा.
फ्लेक्सी फेयर सिस्टम के तहत पहली 10 फीसदी सीटें मूल किराये पर और उसके आगे हर 10 फीसदी सीटों पर 10-10 फीसदी किराया बढ़ता है और आधी सीटों के बाद किराया डेढ़ गुना तक रहता है और उसके आगे प्रतीक्षा सूची एवं आरएसी टिकटों पर भी वही डेढ़ गुना किराया लिया जाता है. इस प्रणाली के लागू होने के बाद 31 अक्टूबर तक के आंकड़ों के अनुसार करीब छह हज़ार सीटें खालीं गयीं हैं जबकि उससे पहले लंबी प्रतीक्षा सूची रहती थी.
फ्लेक्सी फेयर सिस्टम में किए गए इस बदलाव को 20 दिसंबर से लागू किया जा रहा है. फ्लेक्सी फेयर की अगली समीक्षा 31 मई 2017 के बाद की जाएगी. मेंबर ट्रैफिक मुहम्मद जमशेद ने एक सवाल पर यह भी साफ किया कि विकल्प योजना को शताब्दी, राजधानी और दुरंतों एक्सप्रेस सहित सभी ट्रेनों में लागू कर दिया गया है. इस योजना के तहत यात्री की इच्छा पर उसे वांछित गाड़ी में कन्फर्म टिकट नहीं मिलने पर उसी गंतव्य की अन्य गाड़ी में सीट दे दी जाती है. पहले इस योजना में मेल एक्सप्रेस गाड़ियों को ही रखा गया था। अब शताब्दी, राजधानी और दुरंतों एक्सप्रेस सहित सभी गाड़ियों को भी इसके दायरे में लाया गया है.