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कंचनपाड़ा परियोजना पीएसयू को सौंपने पर विचार कर रही है रेलवे

रेलवे अपने कई प्रमुख परियोजनाओं को पूरा करने के लिए इन्हें एक सार्वजनिक इकाई को सौंपने की योजना बना रही है. इन परियोजनाओं में पश्चिम बंगाल के कंचनपाड़ा और दानकुनी में रेल के डिब्बों और इंजनों के पार्ट-पुर्जों का निर्माण भी शामिल है.

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भारतीय रेल
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रेलवे अपने कई प्रमुख परियोजनाओं को पूरा करने के लिए इन्हें एक सार्वजनिक इकाई को सौंपने की योजना बना रही है. इन परियोजनाओं में पश्चिम बंगाल के कंचनपाड़ा और दानकुनी में रेल के डिब्बों और इंजनों के पार्ट-पुर्जों का निर्माण भी शामिल है.

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रेल मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि इस परियोजना को पूरा करने और अनुबंध देने के लिए नामांकन प्रक्रिया को आधार बनाया जा सकता है. फिलहाल इसके लिए खुली निविदा को आधार बनाया जाता रहा है.

सूत्रों के अनुसार इस परियोजना के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए खुली निविदा की जगह नामांकन प्रक्रिया के आधार पर अनुबंध देने के विकल्प पर विचार किया गया है.

गौरतलब है कि कंचनपाड़ा में 860 करोड़ रुपये की सहायता से एक कारखाने का निर्माण किया जाना है जहां पर ईएमयू और मेट्रो रेलों के आधुनिक डिब्बों का निर्माण किया जाएगा. यह परियोजना एक संयुक्त उपक्रम है और इसके लिए रेलवे 153 एकड़ भूमि पहले ही सुनिश्चित कर चुकी है.

दूसरी तरफ, दानकुनी में जो कारखाना बनाया जाएगा वह चितरंजन स्थित रेल इंजन कारखाने के पूरक के रूप में काम करेगा और इसके लिए पार्ट-पुर्जों को उपलब्ध कराएगा. हालांकि, अभी तक इस परियोजना में किसी तरह की प्रगति नहीं हुई है. रेलवे ने कंचनपाड़ा परियोजना के लिए साल 2010 में आठ कंपनियों को आमंत्रित किया था. अब अगर कंचनापाड़ा और दानकुनी परियोजना को नामांकन प्रक्रिया के आधार पर सौंपा जाता है तो आमंत्रण प्रक्रिया को रद्द करना पड़ेगा और आगे के काम को पूरा करने के लिए सार्वजनिक इकाई के साथ एक समझौता करना होगा.

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उधर, परियोजना से जुड़े रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘नामांकन प्रक्रिया के आधार पर इन परियोजनाओं को सौंपने के लिए अभी तक किसी तरह का निर्णय नहीं लिया गया है. हम फिलहाल इसके विभिन्न पहलुओं पर विचार कर रहे हैं.’

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