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रेलवे की लापरवाही, ट्रेन में नहीं लगाया रिजर्वेशन कोच, हंगामा

यात्रियों का आरोप था कि उन्हें रिजर्वेशन के बावजूद जरनल कोच में सफर करने को मजबूर किया जा रहा है. यात्रियों ने करीब 15 मिनट तक पटरी पर खड़े होकर ट्रेन को रोके रखा. इन्होंने सफर के लिए ट्रेन में सीट की व्यवस्था कराने की भी मांग की. हालांकि बाद में पुलिस की मदद से यात्रियों को पटरी से हटाकर ट्रेन को रवाना किया गया.

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रेलवे ट्रैक पर हंगामा करते यात्री
रेलवे ट्रैक पर हंगामा करते यात्री

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जरा सोचिए अगर आप ट्रेन पकड़ने स्टेशन जाएं और वहां ट्रेन में आपके रिजर्वेशन वाला कोच ही न दिखे, तो निश्चित रूप से आप टेंशन में आ जाएंगे. ऐसा ही हुआ अजमेर स्टेशन पर बरेली भुज एक्सप्रेस के यात्रियों के साथ. जब यात्री स्टेशन पहुंचे, तो वहां देखा कि ट्रेन में एस-वन कोच लगा ही नही है. इस पर यात्रियों ने स्टेशन पर हंगामा शुरू कर दिया. इन यात्रियों की सूचना पर आज तक के संवाददाता ने घटनास्थल का दौरा किया, तो पाया कि वाकई इनका कोच नही लगा था.

यात्रियों का आरोप था कि उन्हें रिजर्वेशन के बावजूद जरनल कोच में सफर करने को मजबूर किया जा रहा है. यात्रियों ने करीब 15 मिनट तक पटरी पर खड़े होकर ट्रेन को रोके रखा. इन्होंने सफर के लिए ट्रेन में सीट की व्यवस्था कराने की भी मांग की. हालांकि बाद में पुलिस की मदद से यात्रियों को पटरी से हटाकर ट्रेन को रवाना किया गया.

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यात्रियों के हंगामे की सूचना पर आरपीएफ पुलिस मौके पर पहुंची और यात्रियों को समझाया, लेकिन यात्री नहीं माने. यात्रियों का कहना था की रेल प्रशासन की इस बड़ी गलती का खामियाजा उनको भुगतना पड. रहा है. बरेली से ट्रेन रवाना होने के बाद अभी तक रेलवे प्रशासन की तरफ से कोई व्यवस्था नहीं की गई, जिसका हम विरोध कर रहे हैं. कुछ देर बाद यात्री पटरी छोड़कर ऊपर आ गए, जिसके बाद ट्रेन को रवाना किया गया. मजबूरन यात्रियों को भागकर ट्रेन पकडनी पड़ी और जनरल बोगी में सफर करना पड़ा.

रेलवे अधिकारी झाड़ते रहे पल्ला

मामले में रेलवे अधिकारी कोई ठोस कदम उठाने की बजाय पल्ला झाड़ते नजर आए. रेलवे प्रशासन का कहना है कि यह गड़बड़ी बरेली में हुई है और हम कुछ नही कर सकते हैं. रिजर्वेशन टिकट दिखाते हुए यात्री धीरज कुमार ने कहा कि हम लोग बरेली भुज ट्रेन से जा रहे हैं और हमारे पास टिकट है, लेकिन हमारे लिए जरनल डिब्बा लगा रखा है. उसमे लाइट तक नहीं है. महिलाएं और बच्चे परेशान हो रहे हैं. जब तक हमें सुविधाए नहीं मिलती हम ट्रेन रोकेंगे. हमें जरनल डिब्बा दिया है. हम इसकी शिकायत लगातार कर रहे है, लेकिन सभी अधिकारियों का यही कहना है यह हमारा क्षेत्राधिकार नहीं है.

 

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