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जनजातीय इलाकों को जोड़ेगी जैपोर-मलकानगिरी और जैपोर-नबरंगपुर रेल लाइन

ओडिशा में दो रेलवे लाइनों को बनाने के लिए रेल मंत्रालय और राज्य सरकार लागत को साझा तरीके से वहन करेंगे. ये दो रेलवे लाइनें हैं जैपोर-मलकानगिरी और जैपोर-नबरंगपुर. जैपोर-नबरंगपुर रेलवे लाइन 38 किलोमीटर लंबी होगी और ओडिश सरकार इस लाइन में लगने वाले खर्च का पचास फीसदी वहन करेगी.

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पर्वतीय इलाकों और जंगलों से गुजरेगी रेल लाइन
पर्वतीय इलाकों और जंगलों से गुजरेगी रेल लाइन

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ओडिशा में दो रेलवे लाइनों को बनाने के लिए रेल मंत्रालय और राज्य सरकार लागत को साझा तरीके से वहन करेंगे. ये दो रेलवे लाइनें हैं जैपोर (Jeypore)-मलकानगिरी और जैपोर-नबरंगपुर. जैपोर-नबरंगपुर रेलवे लाइन 38 किलोमीटर लंबी होगी और ओडिश सरकार इस लाइन में लगने वाले खर्च का पचास फीसदी वहन करेगी.

समझौते पर हुए हस्ताक्षर
जैपोर-मलकानगिरी रेलवे लाइन 130 किलोमीटर लंबी है और इसकी कुल लागत में से 25 फीसदी हिस्सा ओडिशा सरकार वहन करेगी. रेलमंत्री सुरेश प्रभु और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की उपस्थिति में इस बारे में एक समझौते पर दिल्ली में हस्ताक्षर किए गए.

ओडिशा के टूरिज्म को मिलेगा बढ़ावा
रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने इस मौके पर कहा कि भारतीय रेलवे का फोकस ओडिशा पर है. रेल से नए इलाकों को जोड़ने से ओडिशा के व्यापार और टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को रेल मंत्रालय पूरा सहयोग दे रहा है. भारतीय रेलवे ओडिशा के अनेक इलाकों तक रेल लाइन बिछाने की योजना पर तेजी से काम कर रही है. रेलमंत्री ने कहा कि राज्यों में रेलवे को बढ़ाने के लिए रेलवे संबंधित राज्यों के साथ ज्वाइंट वेंचर बनाए जा रहे हैं. ओडिशा में भुवनेश्वर समेत 11 रेलवे स्टेशनों को रिडेवलप किए जाने की योजना है. प्रभु ने कहा कि आईआरसीटीसी के जरिए रेलवे ओडिशा में टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना पर भी काम कर रही है. रेलमंत्री ने बताया कि रेलवे कालाहांडी में रेल कारखाना भी लगाने जा रही है.

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ओडिशा रेल लाइन पर पहली बार इतना बड़ा निवेश
इस मौके पर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने कहा कि रेलवे के मैप पर ओडिशा का महत्वपूर्ण स्थान है. पहली दफा ऐसा हुआ है कि ओडिशा को रेलवे ने 4880 करोड़ रुपये के नए प्रजेक्ट लगाने की योजना बनाई है. पटनायक ने कहा कि ओडिशा में राष्ट्रीय औसत के मुकाबले रेल कनेक्टिविटी काफी कम है और केंद्र सरकार ने उनके राज्य में इसको सुधारने के काम को प्राथमिकता दी है. उन्होंने कहा कि जैपोर-मलकानगिरी और जैपोर-नबरंगपुर रेलवे लाइन ऐसे इलाकों में बनाई जानी है जो काफी पिछड़े हुए इलाके हैं. इस अवसर पर केंद्रीय जनजातीय मामलों के मंत्री जुएल ओराम ने कहा कि रेलवे के ये दोनों प्रोजेक्ट बहुत ही पिछड़े जनजातीय इलाकों को जोड़ने का काम करेंगे और इससे इन जनजातीय इलाकों में विकास की बयार पहुंच पाएगी.

पर्वतीय इलाकों और जंगलों से गुजरेगी रेल लाइन
जैपोर-मलकानगिरी की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार हो चुकी है जबकि जैपोर-नबरंगपुर रेलवे लाइन की डीपीआर पर काम चल रहा है. जैपोर-मलकानगिरी रेलवे लाइन 130 किलोमीटर लंबी है और कोरापुट और मलकानगिरी के जिलों के दूरस्थ इलाकों से होकर ये लाइन गुजरेगी. इस लाइन की खासियत ये है कि ये पर्वतीय इलाकों और घने जंगलों से होकर गुजरेगी. इस लाइन पर 12 रेलवे स्टेशन बनाए जाएंगे.

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