चेन्नई में गुरुवार और शुक्रवार सुबह से बारिश रुकने और जलस्तर के घटने से मिली राहत कुछ ही समय की साबित हुई. शुक्रवार शाम को शहर एक बार फिर जोरदार बारिश से सराबोर हो गया.
Rain resumes in several parts of Chennai (Visuals from Royapettah) pic.twitter.com/uGKJpWcJNr
— ANI (@ANI_news) December 4, 2015
चेन्नई के अलावा तमिलनाडु के बाढ़ प्रभावित तीन अन्य जिलों में भी बिजली नहीं है, खाने-पीने के समानों का अभाव बना हुआ है. यह त्रासदी अब तक 325 लोगों की जान ले चुकी है.
Aerial survey of Tambaram area conducted by Navy #ChennaiFloods pic.twitter.com/J7f5SBPCUg
— ANI (@ANI_news) December 4, 2015
और बढ़ सकती है मृतकों की संख्या
अधिकारियों का कहना है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. पानी हटने के बाद शवों के मिलने से इनकार नहीं किया जा सकता. हजारों सैनिक, सामाजिक कार्यकर्ता पानी के बीच फंसे लोगों को निकाल कर सुरक्षित जगहों पर पहुंचाने और इनके बीच खाने-पीने का समान और कंबल बांटने में लगे हुए हैं.
130 से अधिक लोग दिल्ली लाए गए
चेन्नई से विश्वविद्यालय के 60 से अधिक छात्रों सहित 130 लोगों को और एक फ्रांसीसी जोड़े को रक्षा एवं एनडीआरएफ कर्मियों की एक समन्वित टीम ने सुरक्षित निकाल कर विमान से दिल्ली भेजा. मौसम ठीक होने की वजह से वायुसेना के दल ने राहत एवं बचाव कार्य के लिए कई चक्कर लगाए. बारिश के कारण ये छात्र अपने छात्रावासों की उपरी मंजिलों में शरण लिए हुए थे. गुरुवार को करीब 300 लोगों को बचा कर विमान से सुरक्षित भेजा गया था. इनमें से 120 को विमान से दिल्ली भेजा गया.
जलस्तर घटने से राहत
शहर के अंदर मुख्य जलाशयों और नदियों में जलस्तर घटने से कुछ राहत हुई है. लेकिन, शहर के कई इलाके अभी भी पानी में डूबे हुए हैं. राज्य में बारिश से चेन्नई, कुड्डालोर, कांचीपुरम और तिरुवल्लूर बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बिजली न होने की वजह से एमआईओटी अस्पताल में 14 मरीजों की मौत हो गई. अस्पताल के प्रबंधन निदेशक पृथ्वी मोहनदास ने बताया कि बिजली न होने की वजह से अस्पताल में उपकरण काम नहीं कर रहे हैं. अस्पताल का बिजली का बैक-अप सिस्टम भी खराब हो गया है.
बिजली की किल्लत जारी
बारिश का सिलसिला गुरुवार और शुक्रवार सुबह थमा. इस वजह से मायलापुर और टेनामपेट सहित कुछ जगहों पर कुछ दुकानें खुलीं. कुछ इलाकों में बिजली की आपूर्ति बहाल कर दी गई लेकिन अधिकांश हिस्सों में बिजली नहीं है. जिन इलाकों में जलस्तर कम हुआ है, वहां सार्वजनिक परिवहन सेवा कुछ हद तक बहाल हुई है. ऑटोरिक्शा भी चल रहे हैं, लेकिन ऑटोरिक्शा चालकों द्वारा यात्रियों से अधिक किराया वसूलने की शिकायतें आ रही हैं. स्थानीय निवासियों का कहना है कि चेन्नई के कई क्षेत्रों में अब भी जलभराव की स्थिति है और आवश्यक खाद्य पदार्थो की आपूर्ति में मुश्किल आ रही है. शुक्रवार शाम की तेज बारिश ने लोगों की चिंताएं फिर से बढ़ा दीं.
सबसे अधिक प्रभावित इलाके
अड्यार नदी का जलस्तर कम हो गया है. चेंबारामबक्कमझील से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने की वजह से नदी उफान पर थी लेकिन अब जलस्तर घटा है. बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित कांचीपुरम में सेना, नौसेना और वायुसेना बचाव और राहत कार्य में लगी हुईं हैं.
Indian Navy conducts rescue operations in Chennai (In pics: University students being rescued) pic.twitter.com/tD4Dfgcy5M
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NDRF ने बचाए 9000 लोग
स्थानीय लोगों का कहना है कि चेन्नई के कई इलाके अब भी जलमग्न हैं और ऐसी स्थिति में खाने-पीने की चीजें पहुंचने में परेशानी हो रही है. इस बीच, एनडीआरएफ ने बचाव अभियान और तेज कर दिया है. एनडीआरएफ ने अब तक 9000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है. 1.64 लाख से ज्यादा लोगों को राहत शिविरों में पहुंचाया गया है. लेकिन मूडीचूर और तांबरम जैसे अत्यधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग राहत सामग्री मिलने का इंतजार कर रहे हैं.
NDRF की 10 टीमें पहुंचीं
एनडीआरएफ के डीजी ओपी सिंह ने बताया कि शुक्रवार तड़के करीब 3 बजे एनडीआरएफ की पांच और टीमें पंजाब से चेन्नई पहुंच गईं. पुणे से भी पांच टीमें भेजी गई हैं. वहीं, पटना और गुवाहाटी से 5-5 टीमें और भेजी जाएंगी. उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ के लोग रिलीफ कमिश्नर का जिम्मा संभाल रहे गृह सचिव और राज्य सरकार से भी लगातार संपर्क में हैं. इस बीच, जिन क्षेत्रों में जलस्तर कम हुआ है वहां बिजली सप्लाई बहाल कर दी गई है.
अब महामारी का खतरा
तमिलनाडु में चेन्नई और तीन जिलों में कई दिनों की भयानक बारिश और बाढ़ के बाद अब महामारी का खतरा बढ़ गया है. हालांकि अब जल स्तर घट रहा है लेकिन महामारी फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है. चिकित्सा विशेषज्ञों ने शुक्रवार को लोगों को महामारी के प्रति आवश्यक सावधानी बरतने का सुझाव दिया है. आपदा प्रंबधन टीम में शामिल चिकित्सक लोगों को उचित व्यक्तिगत स्वच्छता बनाए रखने की सलाह दे रहे हैं.
सेना प्रमुख दलबीर सिंह ने शुक्रवार को चेन्नई का दौरा किया और बचाव-राहत कार्य की समीक्षा की. दक्षिण रेलवे ने चेन्नई बीच स्टेशन से तिरुनेलवेली, रामेश्वरम और हावड़ा के लिए विशेष रेल सेवाएं शुरू करने की घोषणा की है ताकि बड़ी संख्या में फंसे मुसाफिरों को भेजा जा सके. संचार व्यवस्था-लैंडलाइन और मोबाइल फोन की सेवाएं बाधित हैं.
मूडीचूर और तंबारम जैसे अत्यधिक बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोग बारिश थमने और राहत सामग्री मिलने का इंतजार कर रहे हैं. यहां लोग अपने घरों की छतों पर हेलीकॉप्टर से गिराई जाने वाली सामग्री के लिए इंतजार करते देखे जा सकते हैं. चेन्नई में यह एक सदी की सबसे भीषण बारिश है. स्कूल-कालेज सब बंद चल रहे हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया था और पीड़ितों के लिए तत्काल 1,000 करोड़ रुपये की सहायता राशि का ऐलान किया था. हालांकि राज्य की मुख्यमंत्री जयललिता ने 5 हजार करोड़ की मांग की है. इससे पहले केंद्र 940 करोड़ पहले ही जारी कर चुका है. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने चेन्नई और तीन अन्य जिलों में स्थिति को चिंताजनक बताया और कहा कि राज्य सरकार की पूरी मदद की जाएगी.