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देश के कई इलाकों में अभी भी बारिश का इंतजार, मुश्किल में आ सकते हैं किसान

31 जुलाई तक दक्षिण पश्चिम मॉनसून से बारिश लॉंग पीरियड एवरेज से 9 फीसदी कम था. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर वर्षा लॉंग पीरियड एवरेज से 9 परसेंट तक कम होती है तो इसे सामान्य माना जाता है. एक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक 24 जुलाई तक बारिश सामान्य से 19 फीसदी कम थी. लेकिन पिछले सप्ताह मॉनसून ने रफ्तार पकड़ी और इसमें सुधार हुआ.

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एमपी के होशंगाबाद में बारिश के बाद का दृश्य (फोटो-IANS)
एमपी के होशंगाबाद में बारिश के बाद का दृश्य (फोटो-IANS)

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पिछले कुछ दिनों में देश में मॉनसून की बारिश ने रफ्तार तो पकड़ी है लेकिन कई अहम इलाकों में अभी लोगों को बादलों के जमकर बरसने का इंतजार है. बारिश से जुड़े आंकड़े जारी करने वाली संस्था CRISIL Drip index के मुताबिक अब तक हुई वर्षा शेड्यूल से पीछे तो है ही इसके दायरे में आने वाले क्षेत्र भी अनुमान से कम रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पहले तो बारिश देरी से हुई इसके बाद जुलाई तक इसकी रफ्तार भी धीमी रही. रिपोर्ट के मुताबिक अहम फसल जैसे कि मक्का, ज्वार, तुर पैदा करने वाले इलाकों को अभी भी बारिश का इंतजार है. अगर यहां पानी नहीं गिरा तो किसानों के लिए हालात परेशानी भरे हो सकते हैं.

31 जुलाई तक दक्षिण पश्चिम मॉनसून से बारिश लॉंग पीरियड एवरेज से 9 फीसदी कम था. मौसम वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर वर्षा लॉंग पीरियड एवरेज से 9 परसेंट तक कम होती है तो इसे सामान्य माना जाता है. एक वेबसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक 24 जुलाई तक बारिश सामान्य से 19 फीसदी कम थी. लेकिन पिछले सप्ताह मॉनसून ने रफ्तार पकड़ी और इसमें सुधार हुआ.

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हालांकि बारिश की ये अवधि छोटी रही, लेकिन इससे लंबे समय से सूखा झेल रहे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को कुछ राहत मिली. हालांकि चिंताजनक ये है कि कई राज्यों में क्षेत्रवार स्तर पर स्थिति गंभीर है.

आंकड़ों के मुताबिक गुजरात, पश्चिम बंगाल ओडिशा तमिलनाडु और हरियाणा में इस बार अबतक पिछले साल के मुकाबले अच्छी बारिश हुई है. आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में हालांकि बारिश देर से हुई है, लेकिन तेज रफ्तार बारिश से यहां के हालत सुधरे हैं.

क्रिसिल ड्रिप इंडेक्स की रिपोर्ट के मुताबिक अबतक मुंगफली और धान की फसलों की बुआई अच्छी हुई है. हालांकि तुर, मक्का, कपास, ज्वार और सोयाबीन का आंकड़ा अभी नहीं आया है. ड्रिप स्कोर के मुताबिक कई राज्यों से अभी आंकड़ा नहीं आया है. कई फसलों की बुआई और रोपाई का आंकड़ा अब तक नहीं आया है.

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