मूसलाधार बारिश से उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड के कई इलाकों में बरसाती नदियां और नाले पानी से लबालब भर गए हैं. लेकिन इसके बावजूद उत्तर भारत के कई इलाके हैं जहां लोग बूंदाबांदी तक को तरस रहे हैं. दिल्ली में वैसे तो मॉनसून के दस्तक देने का वक्त जुलाई का पहला सप्ताह होता है, लेकिन इस बार इसमें 10 दिन की देरी बताई जा रही है. लिहाजा राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले लोगों को बारिश का लंबा इंतजार करना पड़ रहा है.
बहरहाल, मध्य प्रदेश के रतलाम में केदारेश्वर महादेव मंदिर में बरसाती झरने का पानी लगातार गिर रहा है तो उज्जैन में चामुंडा देवी मंदिर लहरों में समा गया. भारी बारिश की वजह से इलाके की ज्यादातर नदियां पानी से लबालब बह रही हैं.
बरसाती नदियों का तांडव
बरसाती नदियों ने तो अपना तांडव शुरू कर दिया है. सूबे के कई हिस्सों में ऐसे ही गरजता-उफनता पानी लोगों का रास्ता रोके सड़क और पुल पर अपनी खौफनाक मौजूदगी दर्ज करवा रहा है. ऐसे में लोग ये सोच-सोच कर बेहाल हैं कि जब जुलाई के पहले पहले हफ्ते में लहरों का ऐसा कहर तो आगे क्या होगा?
मध्य प्रदेश के रतलाम में पिछले तीन दिनों से हो रही मूसलाधार बारिश से बरसाती नदियां उफान पर हैं. सिलवानी से बम्होरी को जोड़ने वाली सड़क पर घोघर नदी के पुल पर पानी आ गया है. ऐसे में लोग अपनी जान खतरे में डालकर सैलाब पार करने को मजबूर हैं.
लहरों का कहर
झमाझम बारिश ने लोगों को प्रचंड गर्मी से राहत दिला दी. लेकिन, जुलाई के पहले हफ्ते में ही बारिश की विनाशलीला शुरू हो गई है. मूलाधार बारिश से बरसाती नदियां उफान मारने लगी हैं. पुल-पुलिया पर गरजता पानी लोगों को बहाने पर आमादा है. छत्तीसगढ़ हो या हरियाणा लहरों का कहर जारी है.
मैदान से पहाड़ तक बारिश की थर्ड डिग्री जारी है. उत्तरकाशी में शनिवार को 20 मिनट की बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए. लहरों की चपेट में जेसीबी और ट्रैक्टर आए तो यूपी में बारिश के पानी थाना और मंदिर में घुस गया. मूसलाधार बारिश से सिर्फ लहरों का ही कहर जारी नहीं है शनिवार रात आए भूकंप ने भी उत्तरकाशी के लोगों की नींद गायब कर दी है. भूकंप की तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.1 मापी गई. बारिश से बाढ़ जैसे हालात यूपी के भी कई शहरों में बन गए हैं.
अस्पताल में भर गया पानी
प्रचंड बारिश से इटावा की कई सरकारी इमारतों के निचले हिस्से में पानी भर गया है. बारिश का पानी जिला अस्पताल में जमा हो गया. अस्पताल में खड़ी एंबुलेस का रास्ता पानी रोके खड़ा था तो मरीजों को इलाज के लिए घुटने तक पानी से होते हुए डॉक्टरों तक पहुंचना पड़ा. इटावा की मंडी पुलिस चौकी में भी पानी का कब्जा हो गया. पुलिस चौकी की कुर्सियां, टेबल सबके पाए पानी में डूब गए. बारिश से इटावा जैसा ही हाल हाथरस का भी है.