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गुजरात से बंगाल तक बारिश की मार, अब तक 79 की मौत

बारिश और बाढ़ ने देश में पूरब से लेकर पश्चिम तक हाहाकार मचाया हुआ है. बाढ़ की मार झेल रहे गुजरात में बारिश से मरने वालों की संख्या 40 पहुंच चुकी है, जबकि पश्चिम बंगाल में 39 लोगों की मौत हुई है.

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गुजरात में बाढ़ से अब तक 40 की मौत हो चुकी है
गुजरात में बाढ़ से अब तक 40 की मौत हो चुकी है

बारिश और बाढ़ ने देश में पूरब से लेकर पश्चिम तक हाहाकार मचाया हुआ है. बाढ़ की मार झेल रहे गुजरात में बारिश से मरने वालों की संख्या 40 पहुंच चुकी है, जबकि पश्चिम बंगाल में 39 लोगों की मौत हुई है.

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उत्तरी गुजरात में सबसे ज्यादा तबाही
उत्तरी गुजरात और कच्छ में इस सप्ताह के शुरू में हुई भारी बारिश से मरने वालों की संख्या 40 तक पहुंच गई है. राज्य के सर्वाधिक प्रभावित बनासकांठा जिले में मरने वालों की संख्या 14 है. राज्य राहत निदेशक बिपिन भट्ट ने शुक्रवार को बताया, 'आज तक मिली खबरों के अनुसार विभिन्न हिस्सों में कम से कम 40 लोगों की जान गई है. अकेले बनासकांठा में 14 लोगों के मरने की खबर है. पांच मौतें पास के पाटन जिले और चार मौतें कच्छ में हुई हैं.'

हालांकि पिछले दो दिन से बारिश रुकी हई है. और कई स्थानों पर कम हो गई है. उत्तरी गुजरात में बहुत से क्षेत्र जलमग्न हैं. राज्य सरकार ने बाढ़ जैसी स्थिति के चलते इन क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 16 टीमें तैनात की हैं.

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CM ने बंगाल में की 39 मौतों की पुष्टि
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को मूसलाधार बारिश के कारण राज्य में 39 लोगों की मौत की पुष्टि की और बताया कि सात लाख लोग प्रभावित हुए हैं. उन्होंने संबंधित अधिकारियों को तत्काल राहत एवं बचाव कार्य सुनिश्चित करने का आदेश दिया.

मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपये मुआवजा
बारिश में मारे गए लोगों के परिजनों को चार-चार लाख रूपये के मुआवजे का ऐलान करते हुए ममता ने कहा कि मौतें तेज बारिश में बिजली गिरने, दीवार ढहने, करंट लगने, सांप काटने और डूबने से हुई हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा, इस साल जून और जुलाई में 60 फीसदी से अधिक बारिश हुई है तथा जुलाई महीने में सामान्य बारिश से दोगुना बारिश हो चुकी है. उन्होंने कहा कि 30,000 से अधिक लोगों को करीब 700 राहत शिविरों में ले जाया गया है. 1070 हेप्लपलाइन नंबर का नियंत्रण कक्ष दिन-रात काम करेगा. ममता ने कहा कि तूफान से सैकड़ों मकान ढह गए हैं जिससे बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए हैं.

राजस्थान में सामान्य हो रहे हैं हालात
बाढ़ के हालात का सामाना कर रहे राजस्थान के जालौर और सिरोही में दक्षिण-पश्चिम मानूसन के कल से धीमे पडने के बाद हालात तेजी से सामान्य हो रहे है. प्रदेश के नागौर में आज सुबह सबसे अधिक 13 सेंटीमीटर वर्षा दर्ज की गई है. राज्य आपदा प्रबंधन एवं राहत विभाग ने जोधपुर, पाली, जालौर, सिरोही, जिलों में बर्षाजनित संभावित विकट परिस्थितियों से निपटने के लिये सात हेलिकॉप्टर को तैयार रहने के लिये कहा है.

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माउंट आबू पर लैंडस्लाइड की मार
अधिकारिक सूत्रों के अनुसार सिरोही जिले में स्थित प्रदेश के एक मात्र पर्वतीय पर्यटक स्थल माउंट आबू और आबू रोड के बीच बारिश के कारण भूस्खलन से तीन दिन से बाधित सडक मार्ग पर यातायात फिलहाल शुरू नहीं हुआ है. आपातकालीन वाहनों को ही इस मार्ग से निकाला जा रहा है. सडक मार्ग पर सामान्य यातायात बहाल करने के प्रयास जारी है. चेन्नई से राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन राहत कर्मियों का चालीस सदस्यीय दल पहुंचकर राहत कार्यों में जुट गया है.

उत्तर-पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसम्पर्क अधिकारी तरुण जैन ने बताया कि जोधपुर-भिलाडी रेल खण्ड को छोड़कर सभी मार्गों पर रेल यातायात खोल दिया गया है.

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