भयंकर गर्मी का सितम झेल रहे लोगों के लिए राहत भरी खबर है. उत्तर-पश्चिम भारत के तमाम इलाकों में जून की शुरुआत बारिश से होने की संभावना जताई जा रही है. वेस्टर्न डिस्टर्बेंस 31 मई को उत्तर भारत में दस्तक देगा. ये वेदर सिस्टम ताकतवर है. इसका असर मैदानी इलाकों के साथ-साथ पहाड़ी इलाकों में देखा जाएगा. वेस्टर्न डिस्टर्बेंस की वजह से बरसात होगी.
मौसम विभाग के डायरेक्टर बीपी यादव के मुताबिक इस बार मौसम की चाल अलग है. मार्च-अप्रैल से लेकर मई के मध्य तक जिस तरह से उत्तर-पश्चिम भारत में बादलों की आवाजाही रही, उससे यहां पर तापमान सामान्य से तीन डिग्री नीचे ही बने रहे.
खास बात यह है कि पूरे भारत के 78 फीसदी हिस्से में इस दौरान बारिश तकरीबन 60 फीसदी ज्यादा रिकॉर्ड की गई. कई जगहों पर बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की खड़ी फसल बरबाद कर दी. इसके चलते देश के कई इलाकों में किसानों को आत्महत्या पर मजबूर होना पड़ा.
गरमी से सैकड़ों लोगों की मौत
एक तरफ मौसम के उल्टे हुए मिजाज ने किसानों को बरबादी की कगार पर लाकर खड़ा कर दिया, तो वहीं दूसरी तरफ मई के तीसरे हफ्ते के बाद से देश के तमाम इलाकों में तापमान में हुई तेज बढ़ोतरी ने भीषण गरमी पैदा कर दी. अब गर्मी से मरने वालों का आंकड़ा 1500 से ऊपर पहुंच गया है.
बारिश तो होगी, लेकिन मानसून में देरी
मौसम की दशा दिशा में हाल ही में हुए बदलाव के चलते फिलहाल भीषण गर्मी से लोगों को निजात मिली हुई है. लेकिन मौसम के फ्रंट पर बुरी खबरों का सिलसिला थमता नजर नहीं आ रहा है. केरल में मॉनसून के लिए अनुकूल परिस्थितियां नहीं बन पा रही हैं. लिहाजा मॉनसून के आने में देरी की आशंका गहरा गई है. दिल्ली में मॉनसून के खराब रहने की भविष्यवाणी मौसम विभाग पहले ही कर चुका है.