scorecardresearch
 

यूपी से राजस्थान तक किसानों के लिए कहर बनी बारिश, फसलों को नुकसान

मथुरा में किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि और तेज हवा के साथ बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. 80 फीसदी फसल बर्बाद हो चुकी है. अब हमें सरकार से मदद की उम्मीद है.

Advertisement
X
राजस्थान के धौलपुर में बारिश के बाद का नजारा
राजस्थान के धौलपुर में बारिश के बाद का नजारा

Advertisement

दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई राज्यों में तेज हवा के साथ बुधवार रात में बारिश हुई. मौसम के बदले इस मिजाज से भले ही शहर में रहने वाले लोगों को गर्मी से राहत मिली हो, लेकिन किसानों का काफी नुकसान हुआ है.

मथुरा में किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि और तेज हवा के साथ बारिश से फसलों को काफी नुकसान हुआ है. 80 फीसदी फसल बर्बाद हो चुकी है. अब हमें सरकार से मदद की उम्मीद है. वहीं राजस्थान में आंधी के साथ हुई बारिश के चलते धौलपुर में 7 जबकि भरतपुर में 5 लोगों की मौत हो गई. आगरा-धौलपुर मार्ग पर ट्रेनों का अवागमन भी प्रभावित हुआ है.

मौसम विभाग के मुताबिक इस बारिश की वजह पश्चिमी विक्षोक्ष है, जिसके कारण पिछले कुछ दिनों से उत्तरी भारत में धूल भरी आंधी सहित तेज हवाएं चल रही हैं. रोजाना बारिश हो रही है. तापमान में तेजी से कमी आने की वजह से लोगों को गर्मी से राहत मिली है. रात का तापमान 16 डिग्री तक पहुंच जा रहा है, जबकि दिन में तापमान 34 डिग्री है.

Advertisement

मौसम विभाग के मुताबिक आने वाले कुछ दिनों तक हवाओं के साथ बौछारें पड़ती रहेंगी. इससे पहले मौसम विभाग के डीजीएम डॉ. देवेंद्र प्रधान का कहना था कि वैसे तो पश्चिमी विक्षोभ कमजोर है, लेकिन इनकी वजह से बारिश और ओलावृष्टि हो रही है. क्योंकि इस समय उत्तर भारत में बंगाल की खाड़ी से आई हुई पूर्वा हवाएं पहले से मौजूद हैं और यही वजह है कि कमजोर पश्चिमी विक्षोभ के बावजूद पहाड़ों पर लगातार रुक रुक कर बारिश हो रही है.

मौसम विभाग का कहना है 10 अप्रैल से लेकर  12 अप्रैल तक उत्तराखंड और हिमाचल  के ज्यादातर इलाकों में  गरज के साथ बारिश होगी. हिमालय के निचले इलाकों में  कई जगहों पर ओलावृष्टि की आशंका भी  बनी रहेगी.

फसल के लिए नुकसान

अभी दिल्ली एनसीआर के ज्यादातर इलाकों में बादलों की आवाजाही रहेगी और यहां पर बारिश के एक या दो दौर दर्ज किए जाएंगे. मौसम विभाग के निदेशक चरण सिंह के मुताबिक अप्रैल के महीने में इस तरह की बारिश कोई पहली बार नहीं हो रही है, लेकिन इस बारिश के चलते उत्तर और पश्चिम भारत में गेहूं की पकी और कटी हुई फसल को निश्चित तौर पर नुकसान पहुंचेगा. लेकिन इसका दूसरा पक्ष यह है कि गन्ने की खेती करने वाले किसानों के लिए यह बारिश वरदान साबित होगी.

Advertisement

Live TV

Advertisement
Advertisement