एमएनएस प्रमुख राज ठाकरे ने शिवसेना-बीजेपी-आरपीआई गठजोड़ में शामिल होने की अटकलों को खारिज कर दिया है. राज ठाकरे ने कहा है कि हमारी पार्टी अपने दम पर सत्ता पर काबिज होगी.
राज ठाकरे ने एमएनएस की सातवी वषर्गांठ पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि हम अपने बलबूते पर सत्ता में आएंगे. एक ही महीने में दूसरी बार राज ठाकरे ने राज्य में शिवसेना के साथ गठजोड़ की संभावना को खारिज किया है. राज्य में अगले साल विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ होने हैं.
पिछले ही महीने राज ने कहा था कि किसी भी गठजोड़ का कोई विचार नहीं है. गठजोड़ की बातें केवल अखबारों में हो रही है. उससे पहले उनके चचेरे भाई और शिवसेना के नेतृत्वकर्ता उद्धव ठाकरे ने जनवरी में पार्टी के मुखपत्र ‘सामना’ में एक साक्षात्कार में विलय की पेशकश की थी. दोनों भाइयो के बीच संबंध अच्छे नहीं हैं.
यह पूछे जाने पर कि क्या प्रतिद्वंद्वी भाई साथ आ सकते हैं, उद्धव ने कहा था कि कोई भी एक हाथ से ताली नहीं बजा सकता. मुझे बताइए क्या आप बजा सकते हैं?
राजठाकरे ने नेतृत्व के मुद्दे पर वर्ष 2005 में शिवसेना छोड़ दी थी और मनसे बनाई थी. पिछले साल जब राज ठाकरे अपने बीमार चाचा बाल ठाकरे को कई बार देखने गए तब दोनों भाइयों में सुलह की अटकलें तेज हुई.
इस कार्यक्रम में राज ठाकरे ने ‘ताली’ संबंधी टिप्पणी का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि (एमएनएस के शिवसेना-भाजपा-आरपीआई में शामिल होने की मराठी दैनिक की खबर पर) शुक्रवार दूसरी ताली बजी थी और मैंने दोपहर में ‘टाटा’ के साथ इसका जवाब दिया.
कल टाटा ग्रूप के मानद अध्यक्ष रतन टाटा के उनसे मिलने उनके घर पहुंचने पर मनसे नेता ने कहा कि यह एक अच्छा संकेत है. राज ने कहा कि रतन टाटा आए. यह न केवल मेरा सम्मान बल्कि आप पार्टीजनों का भी सम्मान है. कोई विशिष्ट अवसर नहीं था लेकिन वह आए. मैं इसे अच्छा संकेत मानता हूं.