कर्नाटक में हाल ही में विधानसभा चुनाव संपन्न हुए हैं. चुनाव के दौरान एक सीट पर विवाद के कारण वोट नहीं डाले जा सके थे. राज्य की राज राजेश्वरी नगर सीट चुनाव से पहले काफी चर्चा में रही थी. इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी मुनिरत्ना ने 25,492 वोटों से जीत दर्ज की है.
दरअसल वोटिंग से पहले यहां बड़ी संख्या में फर्जी वोटर आईडी कार्ड पाए गए थे, जिसके कारण चुनाव आयोग ने यहां वोटिंग टाल दी थी. 28 मई को यहां वोट डाले गए थे. यहां कुल 54 फीसदी मतदान हुआ था. इस सीट पर कांग्रेस के मुनीरत्ना, बीजेपी के मुनिराजू गौड़ा और जेडीएस से जीएस रामचंद्र के बीच मुकाबला है.क्या है सीट का इतिहास?
राज राजेश्वरी नगर सामान्य सीट है. इस पर कुल 14 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इससे पहले ये सीट क्रमश: कांग्रेस और बीजेपी के पास थी.
2013 में यहां कांग्रेस के मुनीरत्ना ने जेडीएस के उम्मीदवार को करीब 20 हजार वोटों के अंतर से मात दी थी. वहीं 2008 में इस सीट पर बीजेपी के श्रीनिवास ने कांग्रेस के कृष्णामूर्ति को 20 हजार वोटों से हराकर जीत हासिल की थी. आपको बता दें कि राज राजेश्वरी में 4 लाख 35 हजार 439 वोटर हैं. यह वहां की आबादी का 75.43 फीसदी है.
दरअसल, चुनाव से ठीक पहले बेंगलुरु के जलाहाल्ली इलाके में एक घर से बड़ी संख्या में वोटर आईडी कार्ड बरामद होने के बाद विवाद बढ़ गया था. यहां एक फ्लैट से 9746 वोटर आईडी कार्ड बरामद किए गए थे. इन्हें छोटे बंडलों में बांधकर और लपेटकर रखा गया था. हर बंडल पर फोन नंबर और नाम लिखा गया था.
कर्नाटक में बनी कांग्रेस-जेडीएस की सरकार
कर्नाटक विधानसभा चुनाव में कुल 222 सीटों पर मतदान हुआ था. इस चुनाव में कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37 सीटों पर जीत मिली थी. इस तरह दोनों दलों के विधायकों की संख्या बहुमत के लिए जरूरी 112 के आंकड़े से ज्यादा है. बीजेपी को कुल 104 सीटें मिली थीं.
चुनाव के बाद बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी ने सरकार बनाई थी, लेकिन बहुमत साबित ना कर पाने के कारण सरकार ढाई दिन में ही गिर गई थी, जिसके बाद कांग्रेस और जेडीएस ने साथ में सरकार बनाई.