श्रीलंका के राष्ट्रपति महिन्दा राजपक्षे ने कहा है कि वह चाहते थे लिट्टे प्रमुख वी प्रभाकरण जिन्दा पकड़ा जाय ताकि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के लिये उस पर भारत में मुकदमा चलाया जा सके.
राजपक्षे ने इंडिया टुडे को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि मेरी इच्छा थी कि उसे जिन्दा पकड़ा जाय. तब हम उसे भारत भेजते ताकि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के लिये उस पर मुकदमा चल सके. उन्होंने कहा कि तब वह भारत का सिरदर्द होता. लिट्टे के खिलाफ लड़ाई जीतकर वह कैसा महसूस करते हैं, इस सवाल पर उन्होंने कहा मैं राहत महसूस कर रहा हूं. 30 साल बाद हमने आतंकवादियों का सफाया कर दिया है और अब हमारा देश एकीकृत है.
श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने कहा कि उनकी सफलता का राज अन्य से अलग था. मैंने बलों को संगठित किया और अपने कमांडरों को लड़ाई लड़ने की इजाजत दी. मैंने उनका समर्थन किया. राजपक्षे ने युद्ध से जर्जित देश के पुर्ननिर्माण में भारत की मदद चाही है. उन्होंने कहा यह कि भारत हमारा पड़ोसी देश है और मदद करना उसका दायित्व है.
चीन से उनकी सरकार द्वारा हथियार खरीदे जाने को लेकर भारत की चिंता पर उन्होंने कहा कि कई अन्य की तरह चीन भी हमारा मित्र है. हम हथियार वहां से लाते हैं जहां से हम उन्हें खरीद सकते हैं. भारत को चिंता नहीं करनी चाहिये. हम भारत के मित्र ही नहीं है बल्कि हमारे उनके साथ संबंध भी हैं.