राजस्थान हाईकोर्ट ने नाबालिग लड़की के यौन शोषण के आरोप में घिरे आसाराम की जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी है. इस दौरान आसाराम के केस की पैरवी कर रहे मशहूर वकील राम जेठमलानी ने कई दलीलें दीं. अब मामले पर सुनवाई 18 सितंबर को होगी.
राम जेठमलानी ने आसाराम की जमानत के लिए दलील देते हुए कहा कि पीड़ित लड़की नाबालिग नहीं, बल्कि बालिग है. उन्होंने कहा कि लड़की की मानसिक हालत ठीक नहीं है और उसने बहकावे में आकर आसाराम बापू पर संगीन आरोप लगाए हैं.
जेठमलानी की दलील पर पीड़ित परिवार के वकील ने कहा कि लड़की की मानसिक हालत पूरी तरह ठीक है और वह यह बता पा रही है कि उसके साथ क्या हुआ.
लड़की बालिग है यह साबित करने के लिए राम जेठमलानी ने कोर्ट में कहा कि आश्रम के स्कूल में जमा सर्टिफिकेट देखने के बजाय लड़की मध्य प्रदेश के जिस जिले की रहने वाली है, वहां के नगरपालिका में दर्ज रिकॉर्ड देखने चाहिए. आपको बता दें कि आश्रम के रिकॉर्ड में लड़की नाबालिग है. जेठमलानी की इस दलील से साफ है कि आसाराम खुद को बेगुनाह साबित करने के लिए अपने ही स्कूल के दस्तावेजों में दर्ज बच्ची की जानकारी को गलत साबित करने पर तुले हुए हैं.
यही नहीं, जेठमलानी ने यह भी कहा कि लड़की पर दबाव बनाकर धारा-164 के तहत उसका बयान दर्ज किया गया. इसके बाद जज ने केस डायरी ना होने पर जमानत पर सुनवाई 18 सितंबर के लिए टाल दी.
इससे पहले आज जोधपुर की जिला अदालत ने आसाराम की न्यायिक हिरासत बढ़ाकर 30 सितंबर कर दी.