राजस्थान के आईएएस अधिकारी और टोंक कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने एडवोकेट प्रशांत भूषण के पक्ष में ट्वीट किया है. सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण को सुप्रीम कोर्ट ने अदालत की अवमानना का दोषी माना है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो रही है.
टोंक कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने ट्वीट कर कहा कि इस देश में डेमोक्रेसी है, बोलने की स्वतंत्रता है, यहां बाई डिफॉल्ट लोगों को चोर समझा जाता है, फिर अगर कोई जज के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप लगाता है तो वो अदालत की अवमानना कैसे हो गई.
हालांकि, कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने अपने ट्वीट में न तो प्रशांत भूषण के बारे में लिखा है और न ही सुप्रीम कोर्ट की चर्चा की है. उन्होंने सिर्फ एक ट्वीट किया है. गौरव अग्रवाल का ट्वीट इस प्रकार है, "इस देश में कोई भी किसी के ऊपर भी करप्शन का चार्ज रोजाना लगा सकता है, डेमोक्रेसी है, फ्री स्पीच है, हकीकत में तो हमको बाइ डिफॉल्ट चोर समझा जाता है, तो जज के ऊपर करप्शन के आरोप अवमानना कैसे हुई."
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बता दें कि प्रशांत भूषण के खिलाफ अवमानना मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि प्रशांत भूषण चाहें तो 24 अगस्त तक बिना शर्त माफी मांग सकते हैं. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो अदालत सजा पर फैसला सुनाएगी. प्रशांत भूषण पर एक ट्वीट कर अदालत की अवमानना करने का आरोप लगा था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें दोषी माना है.
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हालांकि, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने माफी मांगने से इनकार कर दिया है. उन्होंने कहा है कि वे अपने बयान पर माफी नहीं मांगेगे. प्रशांत भूषण ने कहा है कि उन्हें नहीं लगता है कि उन्हें अपने बयान पर दोबारा विचार करना चाहिए.