चीफ जस्टिस की फटकार के बाद सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने प्रैक्टिस छोड़ने का फैसला किया है. उन्होंने इस संबंध में CJI दीपक मिश्रा को लेटर लिखकर अवगत कराया है. अपने लेटर में धवन ने गंभीर आरोप लगाया है.
चीफ जस्टिस को लिखे लेटर में वकील राजीव धवन ने कहा कि दिल्ली बनाम केंद्र सरकार केस के दौरान अपमान के बाद मैंने कोर्ट प्रैक्टिस छोड़ने का फैसला लिया है.
दरअसल, 5 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर मुद्दे पर सुनवाई हुई थी. इस दौरान वहां कांग्रेस नेता और वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल, राजीव धवन और दुष्यंत दवे सहित अनेक वरिष्ठ वकील मौजूद थे. ये वकील केस की सुनवाई जुलाई 2019 तक टालने का अनुरोध करते हुए ऊंची आवाज में दलीलें पेश कर रहे थें. राजीव धवन ने तो वॉकआउट तक की धमकी दे डाली थी.
इसके बाद दिल्ली बनाम केंद्र सरकार केस की सुनवाई हुई. इस दौरान चीफ जस्टिस से राजीव धवन की तीखी बहस हुई. धवन का कहना है कि इस केस की सुनवाई के दौरान उन्हें अपमानित किया गया. जिससे खफा होकर उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की प्रैक्टिस छोड़ने का निर्णय किया.
कोर्ट ने कहा था कि अदालत में सुनवाई के दौरान धौंस जमाने और ऊंची आवाज में बोलने वाले वकीलों के आचरण को शर्मनाक बताया था. साथ ही कहा था कि इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.