scorecardresearch
 

राजीव गांधी के हत्यारों की ना हो रिहाई, SC में केंद्र का हलफनामा

आपको बता दें कि 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेंरबदूर में एक धमाके में राजीव गांधी की मौत हो गई थी. शुक्रवार को राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई के मसले पर देश की सबसे बड़ी अदालत में सुनवाई हुई.

Advertisement
X
धमाके से पहले की तस्वीर (India Today)
धमाके से पहले की तस्वीर (India Today)

Advertisement

पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई का केंद्र सरकार ने विरोध किया है. सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने अतिरिक्त दस्तावेज़ दिया है और इनकी रिहाई का विरोध किया है. आपको बता दें कि राष्ट्रपति पहले ही इनकी रिहाई की एक याचिका को खारिज कर चुके हैं.

दरअसल, तमिलनाडु की सरकार ने 2016 में राजीव गांधी के हत्या के 7 दोषियों को रिहा करने का फैसला लिया था. जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से जवाब मांगा था. इसी के जवाब में केंद्र ने ये हलफनामा दिया है.

बता दें कि सातों जिंदगी भर के लिए जेल की सजा काट रहे हैं. तमिलनाडु सरकार के इस फैसले को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी. राजीव गांधी हत्या मामले में सात दोषी मुरूगन, पेरारिवलन, संतन, जयकुमार, राबर्ट पायस, रविचंद्रन और नलिनी पिछले 20 साल से अधिक समय से जेल में कैद हैं.

Advertisement

पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्‍या की प्‍लानिंग लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (LTTE लिट्टे) के लीडर प्रभाकरण ने की थी. लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण के कहने पर 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. इस साजिश में दर्जनों लोग शामिल थे. इस मामले में 24 मई 1991 को सीबीआई की स्पेशल टीम ने केस दर्ज किया. घटनास्थल पर मिले सबूतों में एक कैमरा और उसकी तस्वीरें भी थीं.

Advertisement
Advertisement