पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के दोष में उम्रकैद की सजा काट रही नलिनी एक दिन की पैरोल पर जेल से बाहर आ गई है.नलिनी को पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए एक दिन की पैरोल पर रिहा किया गया है. वह वेल्लौर जेल से बुधवार सुबह चेन्नई के लिए रवाना हुई. उसके साथ 10 पुलिसकर्मी भी भेजे गए हैं.
Nalini, Convict in Rajiv Gandhi assassination case leaves Vellore Jail to attend her father's last rites in Chennai, escorted by 10 cops.
— ANI (@ANI_news) February 24, 2016
कोर्ट ने नलिनी को कोत्तुरपुरम में होने वाले अंतिम संस्कार में जाने की इजाजत दी है. यह छूट बुधवार सुबह 8 बजे से शाम 8 बजे तक के लिए दी गई है.
Nalini,Convict in the Rajiv Gandhi assassination case has been granted parole tomorrow for 12 hours to attend her father's funeral.
— ANI (@ANI_news) February 23, 2016
प्रभाकरण के इशारे पर हुई थी हत्या
लिट्टे प्रमुख प्रभाकरण के कहने पर 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी गई थी. इस साजिश में दर्जनों लोग शामिल थे. इस मामले में 24 मई 1991 को सीबीआई की स्पेशल टीम ने केस दर्ज किया. घटनास्थल पर मिले सबूतों में एक कैमरा और उसकी तस्वीरें भी थीं.
उम्रकैद में बदली थी नलिनी की फांसी
सीबीआई जांच के दौरान करीब 100 लिट्टे समर्थकों ने साइनाइड खाकर जान दी थी. राजीव गांधी हत्याकांड का मास्टर माइंड सिवरासन ने भी जान दे दी थी. सीबीआई कुल 26 लोगों को कानून के कटघरे में लाने में कामयाब हुई. नलिनी मुरुगन, संथन और पेरारिवलन समेत 26 लोगों पर मुकदमा चला. निचली अदालत ने इन सभी को फांसी की सजा सुनाई. साल 1999 में सुप्रीम कोर्ट ने नलिनी, संथन और पेरारिवलन की सजा बरकरार रखी.
पहले कई बार नामंजूर हो चुकी थी अर्जी
राज्य सरकार ने 24 अप्रैल 2000 को उसकी क्षमादान याचिका को मंजूर करते हुए फांसी की सजा को उम्र कैद में बदल दिया था. अक्तूबर 2007 में भी नलिनी के समय पूर्व रिहाई के अनुरोध को अधिकारियों ने खारिज कर दिया था. नलिनी ने साल 2010 में भी जेल से बाहर आने की अर्जी लगाई थी. तब मद्रास हाई कोर्ट की बेंच ने इसे खारिज कर दिया था.