scorecardresearch
 

राहुल गांधी की राय ही पार्टी की राय: राजीव शुक्ला

राजीव शुक्ला ने कहा कि राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह का अपमान नहीं किया. पार्टी के युवा नेता होने के नाते यह उनकी राय थी. राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह का नाम भी नहीं लिया. राजीव शुक्ला ने इसे मुद्दा बनाने के लिए बीजेपी को दोषी ठहराया.

Advertisement
X
राजीव शुक्ला
राजीव शुक्ला

बीजेपी के अंदरूनी मतभेदों पर चुटकियां लेने वाली कांग्रेस का हाल भी अब कुछ वैसा ही होगा है. कांग्रेस नेता कभी कहते हैं कि पार्टी सर्वोपरि है तो कभी कहते हैं कि राहुल गांधी की राय ही पार्टी की राय है. समस्या तब खड़ी होती है जब पार्टी की राय और राहुल गांधी की राय में जमीन-आसमान का फर्क दिखता है. इस पर केंद्रीय मंत्री राजीव शुक्ला ने आज तक के खास कार्यक्रम में सफाई दी.

Advertisement

राजीव शुक्ला का पक्ष हम आपके सामने रखें, इससे पहले आपको इस पूरे मामले की पृष्ठभूमि बता देना जरूरी है. दरअसल, संसद में बैठे दागी नेताओं को लेकर एक अध्यादेश जो सरकार ने पेश किया था. उस अध्यादेश पर राहुल गांधी ने सख्त ऐतराज जताया था. राहुल गांधी ने कहा था कि यह बकवास अध्यादेश है, इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए. इस बयान को कहा गया था कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का अपमान किया है.

इस पर राजीव शुक्ला ने कहा कि राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह का अपमान नहीं किया. पार्टी के युवा नेता होने के नाते यह उनकी राय थी. राहुल गांधी ने मनमोहन सिंह का नाम भी नहीं लिया. राजीव शुक्ला ने इसे मुद्दा बनाने के लिए बीजेपी को दोषी ठहराया.

पढ़ें- राहुल गांधी को मांगनी चाहिए प्रधानमंत्री से माफी

Advertisement

शुक्ला ने कहा कि राहुल गांधी लोगों के लिए काम करते हैं और श्रेय लेने का काम नहीं करते. श्रेय ही लेना हो तो वे उनके पास पहले भी बहुत से मौके आए हैं. शुक्ला ने यह भी कहा कि राहुल गांधी की राय ही पार्टी की राय है. राहुल गांधी के निर्णय से वे खुश हैं.

राहुल गांधी के बचाव में राजीव शुक्ला ने कहा कि गांधी परिवार मनमोहन सिंह को बहुत मानता है. इसलिए वे 10 सालों से प्रधानमंत्री हैं. मनमोहन सिंह भी राहुल गांधी को पीएम बनते देखना चाहते हैं. शुक्ला ने यह भी कहा पार्टी के तमाम नेता राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनते देखना चाहते हैं.

शुक्ला ने कहा कि राहुल गांधी ने जिस अध्यादेश पर राय दी है, वह सरकार का फैसला था, न कि अकेले मनमोहन सिंह का. ऐसे में पार्टी के उपाध्यक्ष होने के नाते राहुल गांधी को यदि लगता कि सरकार ने कुछ गलत फैसला लिया है तो उन्हें अपनी बात रखन का पूरा अधिकार है. इसी अधिकार के तहत राहुल गांधी ने ऐसा किया.

Advertisement
Advertisement