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निर्विरोध बीजेपी अध्‍यक्ष चुने गए राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह को निर्विरोध रूप से बीजेपी का नया अध्‍यक्ष चुन लिया गया है. पार्टी की ओर से नामांकन दाखिल करने वाले राजनाथ सिंह एकमात्र उम्‍मीदवार रहे. नामांकन पत्र में राजना‍थ सिंह द्वारा दिए गए सभी प्रस्‍ताव सही पाए गए जिसके बाद उन्‍हें बीजेपी अध्‍यक्ष घोषित किया गया.

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राजनाथ सिंह
राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह को निर्विरोध रूप से बीजेपी का नया अध्‍यक्ष चुन लिया गया है. पार्टी की ओर से नामांकन दाखिल करने वाले राजनाथ सिंह एकमात्र उम्‍मीदवार रहे. नामांकन पत्र में राजना‍थ सिंह द्वारा दिए गए सभी प्रस्‍ताव सही पाए गए जिसके बाद उन्‍हें बीजेपी अध्‍यक्ष घोषित किया गया.

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ये दूसरा मौका है जब राजनाथ सिंह को बीजेपी के अध्‍यक्ष पद के लिए चुना गया है. नितिन गडकरी से पहले भी पार्टी की कमान राजनाथ सिंह के हाथों में थी. अब 2015 तक राजनाथ सिंह बीजेपी के अध्‍यक्ष रहेंगे.

इससे पहले बीजेपी संसदीय बोर्ड ने पार्टी के नए अध्यक्ष के रूप में राजनाथ सिंह के नाम को अपनी मंजूरी दे दी जिसके बाद उन्होंने अपना नामांकन पत्र भी भर दिया है.

संसदीय बोर्ड की बैठक में वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने अध्यक्ष पद के लिए राजनाथ सिंह नाम की पेशकश करते हुए प्रस्ताव रखा जिसे निर्वतमान अध्यक्ष नितिन गडकरी सहित सबने एक स्वर स्वीकार कर लिया गया.

मंगलवार की शाम को अचानक नाटकीय ढंग से बदलते घटनाक्रम के बीच गडकरी की बजाय किसी अन्य को पार्टी के इस शीर्ष पद पर बैठाए जाने की कवायद शुरू हो गई और अनतत: राजनाथ सिंह पर सबकी सहमति बन गई.

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पहले भी पार्टी के अध्यक्ष के रूप में 2009 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की अगुवाई कर चुके सिंह अब 2014 के चुनाव में भी भाजपा की कमान संभालेंगे.

मंगलवार शाम तक गडकरी का लगातार दूसरी बार पार्टी के अध्यक्ष का पदभार संभालना एकदम तय लग रहा था. इसके लिए पार्टी के विधान में संशोधन पहले ही किया जा चुका था. लेकिन संदिग्ध निवेश के आरोपों से घिरी गडकरी की पूर्ती कंपनी से जुड़े नौ ठिकानों पर कल आयकर अधिकारियों द्वारा छापे माने जाने के बाद हालात अचानक बदल गए.

पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी सहित कई नेताओं ने आपत्ति जताई कि अनियमितताएं बरतने के आरोप से घिरे किसी व्यक्ति की अगुवाई में 2014 के लोकसभा चुनाव लड़ना भाजपा के लिए बहुत घातक साबित होगा और ऐसी स्थिति में कांग्रेस के विरूद्ध पार्टी की भ्रष्टाचार की लड़ाई बहुत कमजोर हो जाएगी. शाम पांच बजे से गडकरी की जगह किसी अन्य को ढूंढने की कवायद शुरू हुई और रात दस बजे तक राजनाथ सिंह पर आम सहमति बन गई.

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