बीजेपी के वरिष्ठ नेता और गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि चंद्रबाबू नायडू के एनडीए छोड़ने पर उन्हें अचरज हुआ है. उन्होंने कहा कि चंद्रबाबू नायडू को एनडीए से बाहर नहीं जाना चाहिए था.
इकोनॉमिक टाइम्स को दिए एक इंटरव्यू में राजनाथ सिंह ने यह बात कही. गौरतलब है कि एनडीए के कई सहयोगी दल उससे नाराज हैं और छिटकते दिख रहे हैं. टीडीपी तो एनडीए से बाहर ही हो चुकी है. शिवसेना लगातार लड़ाई के मोड में रहती है. यूपी, बिहार में भी बीजेपी के कई सहयोगी दल नाराज चल रहे हैं.
इस बारे में सवाल पर राजनाथ ने कहा, 'इसके लिए कुछ वजह होगी. लेकिन कोई बड़ी वजह तो नहीं दिखती, एक परिवार में ऐसा होता रहता है.' चंद्रबाबू नायडू के बारे में सवाल पर उन्होंने कहा, ' यह कोई सुखद स्थिति नहीं है. हमें इस पर अचरज हुआ है. उन्हें बाहर नहीं जाना चाहिए था.'
2019 के चुनावों से पहले विपक्ष गठबंधन बनाने की कोशिश कर रहा है. उत्तर प्रदेश में इसका क्या असर होगा, इस सवाल पर राजनाथ ने कहा, 'उन्हें लड़ने दीजिए. हमें इस पर कोई आपत्ति नहीं है. एक स्वस्थ लोकतंत्र में एक मजबूत विपक्ष होना चाहिए. यह यूपी में भी हो सकता है, लेकिन उनकी (सपा-बसपा) हालत खराब है, इसलिए वे साथ आने को मजबूर हुए हैं. हमारे लिए ज्यादा चिंता की बात नहीं है. इतिहास से यह पता चलता है कि उनका गठबंधन कारगर नहीं होगा. इस बात की भी गारंटी नहीं है कि उनका गठबंधन कब तक चलेगा.'
उन्होंने कहा, 'हमें उनकी चुनौती स्वीकार है. हम जीतेंगे. हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम राजनीति करते हैं, लेकिन इसके लोकतांत्रिक मूल्यों की कीमत पर नहीं.'
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी लगातार यह आरोप लगाती रही हैं कि केंद्र सरकार राज्य के आंतरिक मामलों में दखल दे रही है. इस बारे में राजनाथ ने कहा, 'राज्य में यदि कोई बड़ी घटना और हिंसा होती है, तो केंद्र के लिए यह स्वाभाविक है कि वहां से रिपोर्ट मांगे. यह कोई नई बात नहीं है. भारत का चरित्र सहकारी संघवाद का है. हम रिपोर्ट इसलिए मांगते हैं कि ताकि जरूरत पड़ने पर केंद्रीय सहायता मुहैया कराई जा सके. हमने बिहार से भी ऐसी रिपोर्ट मांगी थी.'
बंगाल में पंचायत चुनाव में हिंसा पर राजनाथ ने कहा कि वहां बड़े पैमाने पर हिंसा हुई है और ऐसा नहीं होना चाहिए था. उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य सरकार जिम्मेदार है.