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हम पुलिस को सिविलाइज्ड फोर्स के तौर पर देखना चाहते हैं: राजनाथ सिंह

राजनाथ सिंह ने अपने कॉलेज टाइम के अनुभव शेयर किए. उन्होंने बताया कि जब वह अपने साथी छात्रों की मांग को लेकर धरना करते थे तो पुलिस उनके साथ किस तरीके से पेश आती थी.

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राजनाथ स‍िंह (फाइल)
राजनाथ स‍िंह (फाइल)

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खुफिया विभाग के 30वें स्थापना दिवस पर गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अलग-अलग विभागों के अधिकारियों के सामने खुलकर अपने मन की बात रखी. मंत्री राजनाथ सिंह ने इस दौरान जहां पुलिस व्यवस्था में सुधार को लेकर बातचीत की. वहीं, दूसरी तरफ गृह मंत्री ने अपने व्यक्तिगत अनुभव भी इस कार्यक्रम में बांटे. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने अनुभव के आधार पर इस कार्यक्रम में बताया कि जब 2022 में हमारी पुलिस कैसी होनी चाहिए.

राजनाथ सिंह ने अपने कॉलेज टाइम के अनुभव शेयर किए. उन्होंने बताया कि जब वह अपने साथी छात्रों की मांग को लेकर धरना करते थे तो पुलिस उनके साथ किस तरीके से पेश आती थी. राजनाथ ने कहा, आज के समय में ऐसे हालात पुलिस पैदा करे कि लोगों में उसके प्रति विश्वास बढ़े. जनसामान्य पुलिस के प्रति अच्छा भाव रखे.

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राजनाथ सिंह ने खुफिया विभाग के 30वें स्थापना दिवस पर कहा कि आतंकवाद, उग्रवाद और नक्सलवाद से निपटने में जो कामयाबी मिली है, उसमें सबसे अधिक योगदान खुफिया विभाग का है. ये सही समय पर जानकारी देता है और उसके बाद हम कामयाब ऑपरेशन करते हैं.

गृह मंत्री ने सीख देते हुए कहा, मुश्किल से मुश्किल स्थ‍िति में सुरक्षा बलों को नियमों का पालन करना चाहिए, संयम बरतना चाहिए. फोर्स को ऐसी ट्रेनिंग देने की ज़रूरत है. कभी बलप्रयोग काउंटर-प्रोडक्टिव भी हो सकता है. 2022 में आजादी के 75 वर्ष पूरे होंगे. शहरीकरण तेज़ी से बढ़ रहा है. ऐसे में पुलिस का चैलेंज बढ़ रहा है.

राजनाथ ने कहा, पुलिस की चुनौती अर्बन पुलिसिंग है. इसके लिए स्मार्ट पुलिसिंग की ज़रूरत है. आज़ादी के इतने साल बाद आज भी पुलिस की पहुंच गांव-गांव तक नहीं पहुंच पाई. देश के गांव में चौकीदार व्यवस्था को मज़बूत करने की ज़रूरत है. साइबर क्राइम एक बड़ी चुनौती है, लेकिन निपटने के लिए एक्सपर्ट्स की कमी है. हर पुलिस स्टेशन में 1-2 ऐसे लोगों की ज़रूरत है जो साइबर क्राइम से जुड़े मामलों की जांच कर सकें.

साइबर क्राइम से नि‍पटने के लिए टाइम बाउंड एक्शन प्लान को बनाने की ज़रूरत है. गृह मंत्री ने इस कार्यक्रम में पुलिस कांस्टेबल की जिम्मेदारी को और बढ़ाने का एक प्रस्ताव रखा. उन्होंने कहा कि, माइनर क्राइम की जांच की ज़िम्मेदारी कांस्टेबल को दी जानी चाहिए है. क्योंकि बहुत से कॉन्स्टेबल PHD की डिग्री रखते हैं. वो ऐसा कर सकते हैं इस लिए हम चाहते हैं कि कांस्टेबुलरी को अब सशक्त करने की ज़रूरत है.

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वहीं, इशरत जहां मामले की जांच के दौरान पूर्व आईबी के अधिकारी राजेन्द्र कुमार से कई बार पूछताछ हुई थी. इस कार्यक्रम में राजेंद्र कुमार ने गृह मंत्री राजनाथ सिंह के सामने ये मांग रखी कि कि देश मे किसी दूसरी एजेंसी को IB के अंदर तक झांक का अधिकार न हो इसके लिए सरकार कानून बनाये. जिस पर राजनाथ सिंह ने कहा कि हम आपकी भावना समझते है। हम आपकी बात ध्यान में रखेंगे.

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