गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को राज्य में बाढ़ प्रभावित लोगों के बचाव और राहत के लिए असम सरकार को हरसंभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया.
असम के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई के साथ टेलीफोन पर बातचीत में गृह मंत्री ने उन्हें बताया कि केंद्र सरकार पूर्वोत्तर के राज्यों में बाढ़ की स्थिति की निगरानी कर रही है और इस चुनौती का सामना करने में सभी बाढ़ प्रभावित राज्यों की मदद करने को तैयार है. असम के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव अभियानों के लिए 550 से अधिक कर्मियों वाली एनडीआरएफ की 11 टीमें तैनात की गई हैं. टीमों के पास नौका और अन्य उपकरण हैं. एनडीआरएफ की प्रत्येक टीम में 50 से अधिक कर्मी हैं.
राज्य अधिकारियों की मांग के मद्देनजर एनडीआरएफ के राहत एवं बचाव दलों को असम के बोको, गोलपाड़ा, गुवाहाटी, सोणितपुर, उत्तर लखीमपुर, तिनसुकिया और धेमाजी में तैनात किया गया है, जबकि मेघालय में तूरा और पश्चिम गारो हिल्स में दो टीमों को भेजा गया है. वहां भी भारी बारिश और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं.
देश के पूर्वोत्तर हिस्से में पिछले कुछ दिनों में मूसलाधार बारिश की वजह से असम और मेघालय के कुछ जिले बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. भारी बारिश ने इन हिस्सों में तबाही मचाई है. दोनों राज्यों के कई जिलों में अचानक आई बाढ़ में 30 लोगों की मौत हो गई है जबकि अनेक लोग बेघर हो गए हैं.
राजनाथ सिंह ने लिया बाढ़ की स्थिति का जायजा
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ ने असम में बाढ़ के कारण पैदा हुए हालात की जानकारी लेने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री तरुण गोगोई से मुलाकात की. राज्य में बाढ़ के कारण पिछले तीन दिनों में 30 लोगों की मौत हो गई है और करीब चार लाख लोग प्रभावित हुए हैं.
बाढ़ से मरने वालों की संख्या 30 तक पहुंची
असम में बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित ग्वालपाड़ा और कामरूप (ग्रामीण) जिलों में 14 शवों की बरामदगी के साथ मरने वालों की संख्या 30 हो गई है. जिला प्रबंधन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ग्वालपाड़ा के बोलबोला और कृष्णाई इलाकों में छह शव बरामद किए गए. इस तरह से ग्वालपाड़ा जिलों में बाढ़ से मरने वालों की संख्या 14 हो गई. इस जिले में एनडीआरएफ और एसडीआरएफ निरंतर बचाव अभियान चला रहे हैं.
उपायुक्त जे बालाजी ने बताया कि पड़ोस के कामरूप (ग्रामीण) जिले से आठ और शव बरामद किए गए हैं और इस तरह से यहां मरने वालों की संख्या 10 हो गई. चार लोग अब भी लापता हैं. ग्वालपाड़ा जिला प्रशासन के सूत्रों का कहना है कि जिला प्रशासन की ओर से 94 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और इन शिविरों में 90,000 से अधिक लोगों को ले जाया गया है. असम के कृषि मंत्री नीलमणि सेन डेका और वन मंत्री रकीबुल हुसैन को मुख्यमंत्री तरुण गोगोई ने बाढ़ प्रभावित जिलों में स्थिति की समीक्षा तथा राहत एवं बचाव कार्य में समन्वय की जिम्मेदारी सौंपी है. मंत्रियों ने एलान किया है कि मारे गए लोगों के परिजन को 3.5 लाख रुपये मुहैया कराया जाएगा.