केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने शुक्रवार को कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रयासों की वजह से पहले की तुलना में आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने और जाली भारतीय नोटों के प्रसार में कमी आई है.
उन्होंने कहा कि सरकार ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) पर शोध प्रकोष्ठ शुरू करने के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के एक प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. और इसके लिए प्रभावी जांच और निगरानी के लिये 100 नए पद सृजित किए गए हैं.
गृह मंत्री ने कहा, 'आतंकवाद के लिये धन मुहैया कराना आतंकवादी गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के लिये बड़ा कारण है. जिस तरह से एनआईए ने अपनी भूमिका निभाई है, उसका नतीजा है कि पहले की तुलना में आतंकवादी गतिविधियों के लिये धन मुहैया कराने में गिरावट आई है.'
उन्होंने कहा कि एनआईए और अन्य एजेंसियों के प्रयासों की वजह से जाली भारतीय नोटों के प्रसार में भी कमी आई है. इसके साथ ही एनआईए को आईएसआईएस पर एक शोध प्रकोष्ठ गठित करने की मंजूरी दे दी है.
दरअसल, शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह गुवाहाटी में एनआईए के दो नये कार्यालय सह आवासीय परिसरों का उद्घाटन करने पहुंचे थे. एनआईए के दो नये कार्यालय सह आवासीय परिसरों का उद्घाटन करने के बाद उन्होने कहा कि इनका निर्माण एनबीसीसी इंडिया ने तकरीबन 77 करोड़ रुपये की लागत से किया है.
हैदराबाद स्थित एनआईए परिसर 12 हजार 572 वर्ग फुट से अधिक क्षेत्र में फैला हुआ है. इसका निर्माण तकरीबन 37 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है और इसमें प्रशासनिक और उसके कर्मचारियों के लिये आवासीय फ्लैट भी हैं.
गुवाहाटी परियोजना की लागत तकरीबन 40 करोड़ रुपये है और इसका निर्माण 9830 वर्ग मीटर क्षेत्र में किया गया है.