कर्नाटक में छाया है सियासी संकट जिसके चलते बीजेपी सरकार पर खतरा मंडराने लगा है. इससे निपटने के लिए बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह से मिलने पहुंचे हैं कर्नाटक के मुख्यमंत्री सीएम जगदीश शेट्टार. दोनों के बीच करीब 40 मिनट बैठक चली.
इस बीच, राजनाथ सिंह ने कहा है कि कर्नाटक सरकार पर कोई संकट नहीं है और वो अपना कार्यकाल पूरा करेगी. जबकि आज ही येदियुरप्पा समर्थक विधायक भी इस्तीफा सौंपने के लिए स्पीकर से मिल रहे हैं.
कर्नाटक के सियासी नाटक में सोमवार का दिन अहम साबित हो सकता है. इस्तीफे पर तुले बीजेपी के बागियों को उम्मीद है कि आज उनकी सुनी जाएगी. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा है कि आज वे अपने ऑफिस में रहेंगे. स्पीकर पर इसलिए सबकी नजरें हैं क्योंकि 13 विधायकों के इस्तीफे का फैसला उन्हें ही करना है. येदियुरप्पा समर्थक विधायक सोमवार को इस्तीफे के साथ उनसे मिलने वाले हैं.
येदुरप्पा समर्थकों ने मांग की है कि शेट्टार को बजट पेश करने से पहले बहुमत साबित करना चाहिए, क्योंकि सरकार अल्पमत में है. बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पहले ही कहा था कि कर्नाटक में पार्टी अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेगी, चाहे सरकार रहे या जाए. वैसे पार्टी को इस बात का भी भरोसा है कि कर्नाटक में उसकी सरकार को कोई खतरा नहीं है.
दरअसल, कर्नाटक का मौजूदा संकट तब शुरू हुआ, जब बुधवार को येदियुरप्पा समर्थक 13 विधायक अपना इस्तीफा लेकर स्पीकर केजी बोपैया के पास पहुंचे. लेकिन स्पीकर से मुलाकात नहीं हो पाई इसलिए उन्होंने अपने इस्तीफे की कॉपी राज्यपाल एच आर भारद्वाज को सौंप दी.
कर्नाटक विधानसभा में कुल 223 विधानसभा सीटें हैं. बहुमत का आंकड़ा यहां 112 है और बीजेपी के पास 119 विधायक हैं. अगर येदियुरप्पा समर्थक 13 विधायकों का इस्तीफा स्पीकर स्वीकार कर लेते हैं. तो विधानसभा में 210 विधायक रह जाएंगे. यानी सरकार को बहुमत के लिए 106 विधायकों का समर्थन चाहिए होगा. जो बीजेपी के पास है.
हालांकि राज्यपाल ने कहा है कि सरकार को अभी कोई खतरा नहीं है, लेकिन सच्चाई यही है कि बीजेपी की सरकार इस वक्त तलवार की धार पर है. एक भी सीट इधर-उधर हुई तो बात बिगड़ जाएगी. ये तब है जबकि राज्यपाल भारद्वाज पर पहले से ही आरोप लगते रहे हैं कि वे केंद्र के एजेंट के रूप में काम करते हैं.