गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने 100 दिन के अपने मंत्रालय का लेखा जोखा आज पेश किया. राजनाथ सिंह ने कश्मीर में आई तबाही को एक राष्ट्रीय आपदा बताया है. दिल्ली में सरकार गठन पर गृह मंत्री ने कहा कि इस पर उप राज्यपाल फैसला करेंगे.
राजनाथ सिंह ने कहा कि गृह मंत्रालय का काम देखना 20-20 मैच की तरह नहीं है बल्कि यह टेस्ट मैच सरीखा है. उन्होंने कहा, 'हम केवल चौके-छक्के नहीं मार सकते. हमें लंबी पारी खेलनी है. शुरुआत अच्छी हुई है.' सरकार के लेखे जोखे पर गृहमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार के 100 दिनों में 132 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया जो सबसे ज्यादा है. उन्होंने नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील की.
गृहमंत्री ने जम्मू कश्मीर में चल रहे राहत और बचाव का लेखा जोखा भी पेश किया. जम्मू कश्मीर की बाढ़ राष्ट्रीय आपदा करार देते हुए राजनाथ सिंह ने जम्मू के 300, कश्मीर के 400 गांव बाढ़ में डूब गए हैं. पिछले 109 साल में ऐसी आपदा कभी नहीं आई. उन्होंने सेना के जवानों की सराहना की भी. उन्होंने कहा कि सेना ने अबतक एक लाख 30 हजार लोगों को बचाया, वहीं एनडीआरएफ ने 34 हजार लोगों की जान बचाई. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार पूरी मदद कर रही है.
गृह मंत्रालय की नई योजना
राजनाथ सिंह ने इस मौके पर गृह मंत्रालय की नई योजना का भी ऐलान किया. उन्होंने कहा कि सिविल डिफेंस को आपदा प्रबंधन का हिस्सा बनाया जाएगा. कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास पर राजनाथ सिंह ने कहा, 'हमारी सरकार इस दिशा में काम कर रही है. मैंने राज्य के सीएम उमर अब्दुल्ला को खत लिखा है कि कश्मीरी प्रवासियों को लौटने और बसने के लिए जमीन का इंतजाम किया जाए.
आतंकवाद से निपटने के उपायों पर गृह मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार प्रतिबंधित संगठन सिमी से निपटने को तैयार है. उन्होंने कहा कि अगले पांच साल में सिमी पर रोक लगा दी जाएगी.
भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा की शाखा खोले जाने की खबर पर गृह मंत्री ने कहा कि देशवासियों को भयभीत होने की जरूरत नहीं है. अल कायदा की सीडी की प्रामाणिकता की जांच की जा रही है.
दिल्ली में सरकार बनाने पर राजनाथ सिंह ने कहा, 'अभी तक मुझसे किसी तरह की राय नहीं ली गई है. इस मुद्दे पर राय लेना उप राज्यपाल का विशेषाधिकार है.'
हाल में आई लव जेहाद की घटनाओं से जुड़े एक सवाल पर गृह मंत्री ने कहा, 'मुझे नहीं पता लव जेहाद क्या है. पहले मुझे इसे समझने दीजिए.'