अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के कश्मीर पर मध्यस्थता के बयान को लेकर संसद में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जैसे ही अपनी बात रखी, विपक्ष वॉकआउट कर गया. इसके बाद स्पीकर ने विपक्षी सांसदों से कहा कि वे रक्षा मंत्री का बयान सुनकर जाएं. राजनाथ ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों ने वादाखिलाफी की है और सत्तापक्ष की बात सुने बगैर ही चले गए.
रक्षा मंत्री ने कहा कि पीएम मोदी और ट्रंप के बीच जब बात हो रही थी, तब विदेश मंत्री एस जयशंकर खुद वहां मौजूद थे. उन्होंने कहा कि कश्मीर के सवाल पर किसी की मध्यस्थता स्वीकार करने का कोई सवाल ही नहीं है, क्योंकि यह शिमला समझौते के विपरीत होगा.
उन्होंने कहा कि यह हमारे राष्ट्रीय स्वाभिमान का विषय है और हम मध्यस्थता किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं कर सकते. पाकिस्तान के साथ सिर्फ कश्मीर पर नहीं बल्कि पीओके पर भी बातचीत होगी. लेकिन विदेश मंत्री ने कश्मीर पर साफ कर दिया है, ट्रंप के साथ इस पर कोई बातचीत नहीं हुई.
राजनाथ सिंह ने विपक्ष पर वादा न निभाने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे सरकार का पक्ष नहीं सुनना चाहते, जिसका उन्होंने पहले वादा किया था. राजनाथ ने साफ कहा कि हम पाकिस्तान से बातचीत को तैयार हैं, लेकिन सिर्फ कश्मीर पर नहीं बल्कि पूरे पीओके व आतंकवाद पर. उन्होंने कहा कि जब डोनाल्ड ट्रंप से पीएम मोदी की बातचीत हुई थी, जब विदेश मंत्री एस जयशंकर भी मौजूद थे. उन्होंने साफ कहा कि बातचीत में कश्मीर पर कोई चर्चा नहीं हुई.Defence Minister Rajnath Singh in Lok Sabha: As S Jaishankar ji (External Affairs Minister) said Kashmir issue was not discussed in President Trump & PM Modi meeting. There is no question of mediation in Kashmir issue as it will be against the Shimla agreement. pic.twitter.com/pdopP9P98U
— ANI (@ANI) July 24, 2019
क्या है मामला
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान इस समय अमेरिकी दौरे पर हैं. उनसे बातचीत में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि एक बैठक के दौरान पीएम मोदी ने मुझसे कश्मीर के मसले पर मध्यस्थता करने को कहा था. उनके इस बयान का पाकिस्तान ने भी समर्थन किया था. लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसका खंडन करते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्यस्थता की कोई बात नहीं की.