पूर्व बीजेपी अध्यक्ष और केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह इन दिनों परेशान हैं. उनकी चिंता की वजह है, उनके बेटे पंकज सिंह के संबंध में आई मीडिया रिपोर्ट. राजनाथ सिंह का कहना है कि उनके बेटे को बदनाम करने की साजिश हो रही है. उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है.
आज तक को मिली जानकारी के मुताबिक गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने संघ के वरिष्ठ अधिकारियों और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से शिकायत की है. राजनाथ सिंह ने कहा है कि उनके और उनके बेटे पंकज सिंह के बारे में अफवाहें फैलाई जा रही हैं, जो सरासर गलत हैं. उन्हें रोकने की जरूरत है. उन्होंने शंका जताई है कि मोदी सरकार में नंबर 2 कौन के सवाल को लेकर उनके खिलाफ साजिश रची जा रही है.
आपको बता दें कि पिछले 30-40 दिनों से दिल्ली के राजनीतिक गलियारे में यह चर्चा गर्म रही है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंकज सिंह को जमकर फटकार लगाई थी. हुआ यूं कि मोदी ने राजनाथ सिंह और पंकज सिंह को अपने दफ्तर में बुलाया और पूछा कि क्या चल रहा है. इस दौरान पंकज ने अपने कामकाज का ब्योरा पीएम को दिया. अंत में पीएम ने पंकज सिंह से कहा कि आपने जो ट्रांसफर कराने के लिए किसी पुलिस अधिकारी से पैसे लिए थे उसे लौटा दीजिए. हालांकि इस खबर कि न तो कभी पुष्टि हुई और न ही खंडन.
अब राजनाथ सिंह तंग आ चुके हैं. उन्होंने शिकायत दर्ज कराई है कि झूठी कहानियां फैलाई जा रही हैं जिससे उन्हें ठेस पहुंची है. उन्होंने कहा कि मोदी ने उन्हें और पंकज को कभी नहीं बुलाया. ना उनके बेटे ने घूस लिया और ना ही पीएम ने कोई फटकार लगाई. यह पहला मौका है जब राजनाथ सिंह ने खुलकर इस खबर का खंडन किया है.
कई नेताओं ने पार्टी के आंतरिक मतभेद को इशारा किया है. अब देखना होगा कि नरेंद्र मोदी और अमित शाह इस समस्या से कैसे निपटते हैं.
पंकज के खिलाफ आई मीडिया रिपोर्ट
अंग्रेजी अखबार हिंदुस्तान टाइम्स ने दावा किया कि खराब आचरण के कारण पीएम मोदी पंकज सिंह को उपचुनाव का टिकट नहीं देना चाहते थे.
राजनाथ नहीं कर पा रहे पंकज सिंह को लॉन्च
बीजेपी में कल्याण सिंह, यशवंत सिन्हा और प्रेम कुमार धूमिल जैसे नेता अपने बेटे को चुनावी राजनीति में लॉन्च कर चुके हैं. लेकिन राजनाथ सिंह इस मामले में पिछड़ गए. पंकज सिंह अब तक एक बार भी चुनावी मैदान में नहीं उतरे. 13 सितंबर को होने वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव में नोएडा सीट से पंकज सिंह की दावेदारी सबसे मजबूत मानी जा रही थी. लेकिन पार्टी ने इस सीट पर विमला बाथम को टिकट देने का ऐलान किया. लोकसभा चुनाव के दौरान भी राजनाथ के गाजियाबद सीट खाली करने पर पंकज सिंह को टिकट दिए जाने की संभावना जताई जाने लगी, पर ऐसा नहीं हुआ. 2012 के यूपी विधानसभा चुनाव में पंकज सिंह को बनारस क्षेत्र की एक सीट से टिकट मिला. हालांकि भारी विरोध के बाद उन्होंने खुद ही टिकट वापस कर दिया. पंकज सिंह के विरोध का कारवां सिर्फ चुनावी टिकट तक सीमित नहीं रहा. जब उन्हें भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया तो उस वक्त भी इसका जोरदार विरोध हुआ. अंत में उन्हें इस पद से भी हाथ धोना पड़ा.