केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मंगलवार को एक बार फिर माओवादियों से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील की और कहा कि यदि वह हिंसा का रास्ता छोड़ते हैं तो केन्द्र सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार हैं.
झारखंड की नक्सल समस्या का जायजा लेने मंगलवार दोपहर पहुंचे केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने राजभवन में उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही. राजनाथ सिंह ने दो टूक कहा, 'हिंसा से किसी तानाशाही की व्यवस्था में तख्ता पलट किया जाता है, लेकिन लोकतांत्रिक व्यवस्था में तो सिर्फ एक वोट से जनता पूरी सत्ता को बदल सकती है. इसलिए माओवादियों को हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था का सम्मान करते हुए हिंसा का रास्ता छोड़कर बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए.'
उन्होंने कहा, 'हम इस समस्या का हल पूरी तरह से निकालना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें हिंसा का मार्ग छोड़कर बातचीत के लिए आगे आना होगा.' उन्होंने कहा, 'हम माओवादियों का मुकाबला बहुत संतुलित तरीके से करना चाहते हैं. हम हिंसा का रास्ता भी नहीं अपनाना चाहते हैं, लेकिन दूसरे को हिंसा की इजाजत भी हम नहीं देंगे.'
उन्होंने कहा कि माओवादी यदि अपनी समस्या का समाधान शांतिपूर्वक करना चाहते हैं तो वह सिर्फ हिंसा का रास्ता छोड़कर लोकतंत्र में आस्था व्यक्त करें तब केन्द्र सरकार उनसे बातचीत करेगी जिससे शीघ्रातिशीघ्र मामले का हल निकाला जा सके. इससे पूर्व राजनाथ सिंह नक्सल समस्या समझने और उससे निपटने के लिए सुरक्षा बलों की तैयारी की समीक्षा करने आज दोपहर झारखंड स्थित सारंडा के जंगलों में पहुंचे जहां वह केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के जवानों और स्थानीय ग्रामीणों से मिले.
सारंडा से लौटकर सिंह ने राजभवन में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ झारखंड की सुरक्षा स्थिति की उच्चस्तरीय समीक्षा की. उन्होंने कहा कि गृहमंत्री बनने के बाद नक्सलवाद की समस्या के अध्ययन के लिए उन्होंने झारखंड को चुना.