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जब राज्यसभा में वेंकैया नायडू बोले- अब भगवान ही लोकतंत्र को बचा सकते हैं

राज्यसभा में NRC मुद्दे पर जोरदार हंगामा देखने को मिला. सभापति वेंकैया नायडू ने अपनी नारजगी जाहिर करते हुए कहा कि वरिष्ठ जनों के सदन राज्यसभा में ऐसा बर्ताव ठीक नहीं है.

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हाथ जोड़े खड़े राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू
हाथ जोड़े खड़े राज्यसभा सभापति वेंकैया नायडू

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राज्यसभा में बीते दो दिन से राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के मसौदे पर हंगामा हो रहा है लेकिन मंगलवार को बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बयान के बाद सदन में खूब हल्ला हुआ. विपक्षी दलों के सांसद वेल में आ गए और केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे.

सभापति वेंकैया नायडू ने सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने की पुरजोर कोशिश की लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. शाह के बयान के बाद टीएमसी और कांग्रेस के सांसदों ने वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी. इस पर सभापति ने कहा कि यह तरीका ठीक नहीं है और नारेबाजी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आपको अपनी बात कहने का हक है साथ ही दूसरों को भी यह अधिकार हासिल है कि वह अपनी बात कह सकें. हंगामा थमते न देख सभापति ने कहा कि अब सिर्फ भगवान ही लोकतंत्र को बचा सकते हैं.

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राज्यसभा में वेंकैया नायडू को शायद पहली बार इतना नाराज होते देखा गया. उन्होंने कहा कि NRC मुद्दे पर अच्छी चर्चा हुई है और अब गृहमंत्री राजनाथ सिंह सदन में जवाब देना चाहते हैं. नायडू ने कहा कि यह वरिष्ठ लोगों का सदन राज्यसभा है और हमें दूसरों के सामने मिसाल पेश करनी है, पूरा देश हमें देख रहा है. यहां लोकतंत्र का मजाक ना बनवाएं. सभापति ने कई बार वेल में हंगामा कर रहे सांसदों से अपनी सीट पर वापस जाने की अपील की लेकिन कोई भी सांसद वापस नहीं गया जिसके बाद पहले 10 मिनट और फिर दिनभर के लिए राज्यसभा की कार्यवाही को स्थगित कर दिया गया.

क्यों हुआ हंगामा

बीजेपी सांसद अमित शाह ने राज्यसभा में NRC पर चर्चा के दौरान कहा कि 1985 में असम एकॉर्ड आया था और तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी इसे लेकर आए थे लेकिन कांग्रेस के पास इसे लागू करने की हिम्मत नहीं थी. शाह ने कहा कि आज हमारे पास हिम्मत है और हम इस ड्राफ्ट को लेकर आए हैं. विपक्षी सांसदों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि 40 लाख घुसपैठियों को कौन बचाना चाहता है.  

बता दें कि बीजेपी अध्यक्ष ने संसद में जो बयान दिया वह उन्हीं की पार्टी के सांसद और देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह के बयान से ठीक उलट है. सोमवार को राजनाथ ने एनआरसी के फैसले को राजनीति से प्रेरित न बताते हुए सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में इसका ड्राफ्ट लाने की बात कही थी और उनका कहना है कि इस मामले में सरकार को कोई दखल नहीं है.

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