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राज्यसभा चुनाव: जादुई आंकड़े से बसपा 1 और बीजेपी 6 वोट दूर, ये है 10वीं सीट पर वोटों का गणित

पूरी ताकत लगाने के बाद भी विपक्ष जहां 36 वोट तक ही पहुंच पा रहा, वहीं बीजेपी 31 तक पहुंच रही. सारी लड़ाई इन्हीं नंबरों पर है. विपक्ष की कोशिश है कि किसी भी तरह से उसके एक वोट का जुगाड़ हो जाए. वहीं बीजेपी 6 वोट जुटाने की ताकत लगा रही.

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राज्यसभा में यूपी से 10वीं सीट पर है कांटे की टक्कर
राज्यसभा में यूपी से 10वीं सीट पर है कांटे की टक्कर

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उत्तर प्रदेश की 10 राज्यसभा सीटों के लिए होने वाले चुनाव से कुछ घंटे पहले सपा और बसपा के एक-एक विधायकों का वोट कटने से लड़ाई और कांटे की हो गई है. अब भी दसवीं सीट के लिए सभी पार्टियां जोड़-तोड़ कर रही हैं. एकजुट हुए विपक्ष की ताकत दो वोट कटने से कुछ कम हो गई है. लेकिन सीटों का गणित अभी भी कुछ ऐसा है कि किसी की भी जीत आसान नजर नहीं आ रही. किसी भी दल के पास पूरे नंबर यानि 37 वोट नहीं हैं.

दो वोट कटने से विपक्ष की ताकत हुई कम

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बसपा के विधायक मुख्तार अंसारी के वोट देने पर रोक लगा दी है. उधर सपा को भी एक झटका लग गया है. जेल में बंद सपा विधायक हरिओम यादव को जेल प्रशासन ने जाने से मना कर दिया है. इससे 19 विधायकों वाली बीएसपी घटकर 18 पर आ गई है.

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36 पर ठहरा विपक्ष, 1 सीट से जीत दूर

सपा की बात करें तो उनके पास कुल 47 विधायक हैं. इनमें से नरेश अग्रवाल के पुत्र नितिन अग्रवाल का बीजेपी के पक्ष में मतदान करना तय माना जा रहा है. हरिओम यादव के वोट न दे पाने की सूरत में यह संख्या 45 हो जाएगी. सपा की ओर से जया बच्चन मैदान में हैं. इसमें से सपा की एक सीट सुरक्षित करने के लिए 37 वोट निकाल दें तो बचे 8 वोट. सपा अपने प्रत्याशी की जीत के बाद ही मायावती के लिए वोटों का जुगाड़ लगाएगी. ऐसे में सपा के बचे हुए 8 वोट, बसपा के 18, कांग्रेस के 7 वोट और आरएलडी का एक वोट जोड़ दें तो कुल होते हैं 34 वोट.

राजा भैया की अदावत बन सकती है रोड़ा

इसमें दो निर्दलीय विधायक जो सपा के खेमे में जा सकते हैं वे हैं राजा भैया और उनके करीबी विनोद सरोज. इस तरह विपक्ष पूरी ताकत लगा भी ले तो जादुई 37 से एक वोट कम यानि 36 वोट ही रह जा रहे. लेकिन सवाल ये है कि राजा भैया मायावती के प्रत्याशी के लिए वोट करेंगे? क्योंकि मायावती से राजा भैया की अदावत जगजाहिर है. अगर राजा भैया ने दुश्मनी निभा दी तो बीएसपी की मुश्किल और बढ़ सकती है. लेकिन शिवपाल यादव के साथ आ जाने से इसकी आशंका काफी कम हो गई है.

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31 पर ठहरी बीजेपी

वहीं बीजेपी की बात करें तो जादुई नंबर उनके पास भी नहीं है. बीजेपी के पास विधानसभा में कुल 311 विधायक हैं. इसके अलावा अपना दल (एस) के 9 विधायक, कल तक बागी तेवर दिखाने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के नेता और कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर के चार विधायक साथ हैं. सहयोगी दलों को मिला लें तो ये नंबर 324 तक पहुंच जाता है. इतने भारी-भरकम नंबर के साथ बीजेपी 8 सीट तो बेहद आसानी से जीत रही है. लेकिन नौवीं सीट के लिए उसके पास बचते हैं 28 वोट. बीजेपी को नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल, अमरमणि के बेटे अमनमणि और भदोही से विधायक विजय मिश्रा का वोट मिलने की बात कही जा रही है. ये तीन वोट मिलाकर बीजेपी के पास कुल वोट हो जाते हैं 31 जो जादुई नंबर से 6 कम है.

विपक्ष 1 तो बीजेपी 6 वोट के लिए लगा रही ताकत

इस तरह पूरी ताकत लगाने के बाद भी विपक्ष जहां 36 वोट तक ही पहुंच पा रहा, वहीं बीजेपी 31 तक पहुंच रही है. सारी लड़ाई इन्हीं नंबरों पर है. विपक्ष की कोशिश है कि किसी भी तरह से उसके एक वोट का जुगाड़ हो जाए. वहीं बीजेपी 6 वोट जुटाने की ताकत लगा रही.

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क्रॉस वोटिंग पर टिका पूरा खेल

अब जीत का फैसला क्रॉस वोटिंग से होगा. यानि बागी विधायकों के वोट काफी मायने रखेंगे. बीएसपी प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर की जीत का सारा दारोमदार अब विपक्ष के ऊपर निर्भर करता है. सपा, कांग्रेस और आरएलडी ने बीएसपी उम्मीदवार को राज्यसभा चुनाव में समर्थन देने का ऐलान किया है. राजा भैया का रुख भी काफी मायने रखता है.

अनिल अग्रवाल और भीमराव अंबेडकर में मुकाबला

यूपी की 10 सीटों के लिए हो रहे राज्यसभा चुनाव में 11 उम्मीदवार मैदान में हैं. सूबे के मौजूदा विधायकों की संख्या के लिहाज से बीजेपी के 8 और सपा के एक सदस्य की जीत तय मानी जा रही. बीजेपी के 9वें उम्मीदवार अनिल अग्रवाल और बीएसपी के एकलौते प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर के बीच कांटे का मुकाबला है.

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