scorecardresearch
 

राज्यसभा चुनाव: साख बचाने में जुटे राजनीतिक दल, विधायकों की मौज

राज्यसभा चुनाव के लिए विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग का स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद पार्टियों में 11 जून को होने वाले चुनाव में अपनी साख बचाने की होड़ लगी है.

Advertisement
X
राज्यसभा में ताकत बढ़ाने की कोशिश में बीजेपी
राज्यसभा में ताकत बढ़ाने की कोशिश में बीजेपी

Advertisement

राज्यसभा चुनाव के लिए विधायकों की हॉर्स ट्रेडिंग का स्टिंग ऑपरेशन सामने आने के बाद पार्टियों में 11 जून को होने वाले चुनाव में अपनी साख बचाने की होड़ लगी है. बीजेपी हो या कांग्रेस सभी पार्टियों में अपने विधायकों को साथ रखने के लिए कहीं डिनर डिप्लोमेसी हो रही है तो कहीं विधायकों को विरोधियों की नजर से दूर फाइव स्टार होटल में ठहराया गया है.

बीजेपी-कांग्रेस के बीजेपी अहम मुकाबला
राज्यसभा में लगातार बैकफुट पर चल रही बीजेपी के लिए ये चुनाव खास अहम है, क्योंकि अपनी और सहयोगियों की इन्हीं सीटों के दम पर वो जीएसटी बिल पास कराने की आस लगाए है. वहीं लोकसभा में 44 सीटों पर सिकुड़ने के बाद कांग्रेस के लिए राज्यसभा ही है, जहां पर वो मोदी सरकार को चुनौती देने लायक स्थिति में है. 57 सीटों के लिए हो रहे चुनावों से पहले कांग्रेस आपसी मतभेदों और बीजेपी की ओर से खड़े किए गए निर्दलीय उम्‍मीदवारों के चलते परेशान है. इससे निपटने के लिए पार्टी विधायकों को वोट डालने का तरीका सिखाया जा रहा है तो डिनर पर बागियों की पहचान भी की जा रही है. फिलहाल 57 में से कांग्रेस और बीजेपी के पास 14-14 सीटें हैं.

Advertisement

जयललिता को मनाने को जुटी सरकार
सरकार के रणनीतिकार लगातार इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि मानसून सेशन में राज्यसभा की तस्वीर उनके पक्ष में दिखाई देगी और वो विपक्ष खासकर कांग्रेस की दादागीरी का जवाब देने की स्थिति में होगी. सरकार की उम्मीद कितनी सही है इसका जवाब जीएसटी बिल से लग सकेगा जिसे पास कराने के लिए वित्त मंत्री अरुण जेटली एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. इस दिशा में AIADMK सुप्रीमो और तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता से बातचीत जारी है. सूत्रों की मानें तो पार्टी ने बिल पर मतभेदों के बावजूद सरकार का साथ देने के संकेत दिए हैं. माना जा रहा है कि AIADMK बिल पर वोटिंग के समय गैरहाजिर रहकर सरकार को राहत दे सकती है. बदले में केंद्र सरकार की तरफ से तमिलनाडु को विशेष पैकेज और लंबित पड़े प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी दी जा सकती है. अगले हफ्ते मुख्यमंत्री जयललिता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच मुलाकात को इसी कड़ी में देखा जा रहा है.

राज्यसभा में ताकत बढ़ाने की कोशिश में बीजेपी
इस समय राज्यसभा की कुल संख्या 241 सांसदों की है और जून 11 के चुनाव में बीजेपी के 4 सांसद बढ़ेंगे और कांग्रेस के 4 कम होंगे. जेडीयू के 3 सांसद कम होंगे जबकि उसके सहयोगी आरजेडी को 2 सांसद मिलेंगे और AIADMK को 1 सांसद और मिलेगा. सरकार का गणित है कि अगर AIADMK के 12 सांसद गैरहाजिर रहे तो लगभग 163 सांसद बिल का समर्थन करेंगे. हालांकि लेफ्ट पार्टी खुलकर सामने नहीं आई है लेकिन सूत्रो का कहना है कि लेफ्ट ने बिल का समर्थन करने का मन बनाया है. फिलहाल यूपीए के 65 सांसद बिल के विरोध में हैं. सरकार फिलहाल आम सहमति बनाने की कोशिश में लगी है और निगाहें राज्यसभा चुनाव पर लगी हैं जो इस बार सरकार के भविष्य की रणनीति में अहम भूमिका निभाने वाला है.

Advertisement
Advertisement